क्या 6 महीने से पहले शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ और भी खिलाना चाहिए? जानिए

बच्‍चे के लिए जन्‍म के बाद के पहले 6 महीने बहुत अहम होते हैं और यह समय उसके विकास में महत्‍वपूर्ण योगदान देता है। बच्‍चे के लिए ब्रेस्‍ट मिल्‍क को लिक्विड गोल्‍ड भी कहा जाता है और इससे 6 महीने तक शिशु की पोषण संबंधी सभी जरूरतें भी पूरी हो…

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Reported by Atul Kumar

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बच्‍चे के लिए जन्‍म के बाद के पहले 6 महीने बहुत अहम होते हैं और यह समय उसके विकास में महत्‍वपूर्ण योगदान देता है। बच्‍चे के लिए ब्रेस्‍ट मिल्‍क को लिक्विड गोल्‍ड भी कहा जाता है और इससे 6 महीने तक शिशु की पोषण संबंधी सभी जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं। मां के दूध में कैलोरी, प्रोटीन और फैट सब कुछ होता है और 6 महीने तक शिशु को पोषण के लिए किसी और चीज की जरूरत नहीं पड़ती है। ब्रेस्‍ट मिल्‍क में पर्याप्‍त मात्रा में कैल्शियम, फास्‍फोरस, आरयन, मैग्‍नीशियम, जिंक और अन्‍य माइक्रोन्‍यूट्रिएंट्स होते हैं।

कई लोग अपने बच्‍चे के 4 महीने के होने पर उसे ठोस आहार देना शुरू कर देते हैं जो कि पीडियाट्रिशियन के अनुसार सही नहीं है। पहले 6 महीनों में शिशु को सिर्फ मां का दूध ही चाहिए होता है, जानिए क्‍यों। टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक लेख में बेंगलुरु के रेनबो चिल्ड्रेन के सलाहकार – नियोनेटोलॉजी और बाल रोग डॉ. श्रीकांत कुलकर्णी बता रहे हैं कि पहले 6 महीने में शिशु के लिए क्‍या जरूरी होता है।

मां का दूध है काफी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, 6 महीने तक शिशु को स्तनपान कराने की जरूरत होती है और इसे 2 साल तक जारी रखा जाना चाहिए। पहले 6 महीनों में पानी देने की भी जरूरत नहीं होती है। मां के दूध में 87% पानी होता है, इसके बाद लैक्टोज (7%), वसा (3.8%), और प्रोटीन (1%) का स्थान आता है।

दूध नहीं मिला तो बिगड़ सकती है सेहत

mother's milk is enough
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यह साबित हो चुका है कि 6 महीने के होने से पहले खराब या कम पोषण के कारण शिशु को दस्त, निमोनिया और कान में संक्रमण जैसे संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है और साथ ही उम्र के पहले 5 वर्षों में मृत्यु का खतरा भी बढ़ जाता है। खराब पोषण का शारीरिक और मानसिक विकास पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है, मधुमेह और मोटापा जल्दी शुरू होता है और ऑटोइम्यून बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। सही स्तनपान से प्रत्येक वर्ष 5 वर्ष से कम उम्र के 8 लाख से अधिक बच्चों को बचाया जा सकता है।

ब्रेस्‍ट मिल्‍क की जगह कौन ले सकता है

जब मां का दूध अपर्याप्त है या ब्रेस्‍ट मिल्‍क नहीं बन पा रहा है तो वैकल्पिक आहार में शिशु के लिए फार्मूला जैसे दूध के विकल्प चुने जा सकते हैं। डॉक्टर से पूछने के बाद आप बच्‍चे को फॉर्मूला मिल्‍क दे सकते हैं। प्रोटीन और वसा की मात्रा बढ़ने के कारण उम्र के पहले वर्ष में गाय का दूध या भैंस का दूध नहीं देना चाहिए।

ब्रेस्‍ट मिल्‍क के गुण

ब्रेस्‍ट मिल्‍क में कुछ कारक बहुत अच्‍छे होते हैं जिनमें बच्‍चे की डेवलपमेंट में योगदान देने वाले कारक, एंजाइम, संक्रमण-विरोधी कारक, बायोएक्टिव एजेंट, इम्युनोग्लोबुलिन और आवश्यक फैटी एसिड शामिल हैं जो बेहतर शारीरिक विकास, बेहतर प्रतिरक्षा और बेहतर न्यूरोडेवलपमेंट में मदद करते हैं। समय के साथ फार्मूला मिल्‍क में न्यूक्लियोटाइड्स, डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (डीएचए) और प्रोबायोटिक्स जैसे महत्वपूर्ण कारक शामिल किए गए।

नहीं है कोई विकल्‍प

Properties of breast milk
Properties of breast milk

आखिरकार यही निष्‍कर्ष निकलता है कि 6 महीने तक के शिशु के लिए ब्रेस्‍ट‍ मिल्‍क जैसा पोषण का और कोई विकल्‍प नहीं होता है। इससे बच्‍चे की ग्रोथ, इम्‍युनिटी और न्‍यूरोडेवलपमेंट में मदद मिलती है।

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