Improve CIBIL Score Instantly: यदि किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार के लोन को बैंक अथवा किसी वित्तीय संस्था से लेना हो तो सबसे पहले तो उसका सिबिल की चेकिंग होगी। इसके बाद यदि सिबिल तय मापदंड पर पाया जाता है तो उस व्यक्ति को एकदम सरलता से लोन मिलेगा। इसके विपरीत लोन पास नहीं होगा और इसमें काफी दिक्कत हो जाएगी। ऐसा होने की सबसे बड़ी वजह होती है उस व्यक्ति का सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर सही नहीं है। हालांकि सिबिल स्कोर के सही होने पर बहुत सी बाते सरल हो जाती है।
एक तो स्कोर सही होने पर लोन जल्दी मिलता है। सिबिल स्कोर सही होने पर बैंक से क्रेडिट कार्ड पर लोन मिल जायेगा। सिबिल स्कोर को लेकर 30/25/20 का फॉर्मूला अनिवार्य है। यह स्कोर एक प्रकार से व्यक्ति की क्षमता, अभी तक के लोन लेने के बाद उसकी स्थिति को दर्शाता है।
सिबिल स्कोर क्या है?
यदि किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर सही पाया जाता है तो उसको लोन लेने में सरलता होती है। साथ में दूसरे वित्तीय संस्थानों से भी जल्दी लोन मिलता है। अब प्रश्न है कि सिबिल स्कोर होता क्या है? जाने लें कि सिबिल स्कोर एक 3 अंकों का नंबर होता है। इस नंबर को लोन दे रहे बैंक या वित्तीय संस्था उस व्यक्ति के रिकॉर्ड को जांचने में इस्तेमाल करते है।
इससे पता चल जाता है कि उस इंसान ने पहले कितना लोन ले रखा है और उसको चुकता किया है अथवा नहीं। इसी रिकॉर्ड के अनुसार बैंक या वित्तीय संस्था निर्धारित करेंगे कि उसको लोन देंगे या नहीं। यहां पर सिबिल सही पाए जाने पर लोन के स्वीकृत होने के चांसेज बढ़ जाते है।
सिबिल स्कोर खराब होने की वजह
अगर कोई व्यक्ति लोन की महीने की किस्त और क्रेडिट कार्ड के बिलो को टाइम से पेमेंट नहीं करेगा तो उसका सिबिल स्कोर खराब हो जायेगा। क्रेडिट रिपोर्ट में सही डिटेल्स न देने पर भी स्कोर प्रभावित होता है। असुरक्षित लोन लिया हो तो भी यह खराब स्कोर दर्शाता है। अगर आपने किसी दूसरे व्यक्ति के लोन में गार्ंटर बनने का काम किया है और क्रेडिट स्कोर सही नहीं हो तो आने वाले टाइम में लोन लेने में परेशानी खड़ी कर देता है।
सिबिल स्कोर को बढ़ाने का तरीका
सिबिल स्कोर को बढ़ाने के काम में सर्वप्रथम आपने अपने क्रेडिट रिपोर्ट की चेकिंग करनी है। आपने अपने सिबिल रिपोर्ट में नीचे दी गई सेक्शन की चेकिंग करनी है जिससे आपका सिबिल स्कोर में वृद्धि हो जाए। अगर क्रेडिट कार्ड के बिल अथवा लोन की किश्त की अदायगी नहीं हो रखी हो तो सिबिल स्कोर में कमी दिखेगी।
आप अपने लोन खाते की स्थिति को जांचे। अपने खाते के भुगतान स्थिति एवं हिस्ट्री भी जांचे। यहां इस बात की चेकिंग कर लें कि रैगिंग ठीक है अथवा गलत, देखे कि written off या सेटल्ड किस-किस जगह इन लिखा है। यदि ऐसी परेशानी हो तो लोन देने वाले से बात करें और उसके लोन की किश्त न भरने की दिक्कतों में उसके लोन की किश्त के पेमेंट करें। आपने सभी बचे रह गए बिलो की पेमेंट भी करनी है। सुरक्षित और असुरक्षित लोन के अनुपात को कायम रखने से भी सिबिल स्कोर में वृद्धि हो सकती है।
- क्रेडिट लिमिट 30% से ज्यादा इस्तेमाल नही करना है।
- अगर किसी अन्य के लोन में गारंटर बनना हो तो यह फैसला सोच विचार करने के बाद लेना है, यदि लोन की पेमेंट सही टाइम पर नहीं होगी तब आपके सिबिल स्कोर पर नकारात्मक असर दिखेगा।
- बार बार नए क्रेडिट पाने के आवेदन की आदत छोड़े इसके लिए टाइम पर आवेदन करें।
- कम अमाउंट के लोन को ही लें और से टाइम से पेमेंट भी कर दें जिससे आपके सिबिल स्कोर पर सही प्रभाव पड़े।
यह भी पढ़ें : क्या है NDPS एक्ट जिससे एल्विश यादव गया जेल, हो सकती है 10 साल की जेल
ध्यान देने वाली बात
लोन लेने के मामले में किसी भी समस्या से बचने के लिए अपने सिबिल स्कोर को 750 से अधिक रखना होगा। अगर किसी दशा में आपका सिबिल स्कोर इस आंकड़े से कम रह जाता है तो लोन अस्वीकृत को जाता है।