Covid-19 Vaccination: जर्मनी के एक 62 वर्षीय व्यक्ति का दावा है कि उसने 200 से अधिक बार कोविड-19 का टीका लगवाया है. यह सुनकर वैज्ञानिक हैरान हैं और अब वे इस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता की जांच कर रहे हैं. लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में पब्लिश एक स्टडीज में बार-बार वैक्सिनेशन कराने के प्रभावों की जांच की गई. इस स्टडी में शामिल एक 62 वर्षीय जर्मन व्यक्ति का दावा है कि उसने 217 बार कोविड-19 का टीका लगवाया है. हालांकि, यह संख्या अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. वैज्ञानिकों ने पाया कि इतनी बार टीका लेने के बाद भी उस शख्स की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है और उसके शरीर में एंटीबॉडी बन रही है.
बार-बार वैक्सीन लेने वाले शख्स को बुलाया
लोकल न्यूज में खबर सुनने के बाद म्यूनिख और वियना के अस्पतालों, फ्रेडरिक-अलेक्जेंडर-यूनिवर्सिटेट एरलांगेन-नूर्नबर्ग के डॉक्टर इस मामले में जानकारी लेने की कोशिश की. उन्होंने उस व्यक्ति से संपर्क किया और जांच के लिए उन्हें बुलाया, जिसके लिए वह एग्री हो गए. प्रोफेसर किलियन शोबर ने कहा, “अखबारों में पढ़कर हमें इस व्यक्ति के बारे में पता चला. फिर हमने उससे संपर्क किया और उसे एरलैंगेन में कई तरह के टेस्ट के लिए बुलाया. वह इसमें बहुत दिलचस्पी रखते थे.” डॉक्टर शोबर और उनके सहयोगी यह जानना चाहते थे कि इस तरह के बार-बार टीका लेने के क्या परिणाम होंगे. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बदलती है?
क्यों लगवाई जाती है वैक्सीन
वैक्सीनेशन में आम तौर पर रोग पैदा करने वाले जीव के कुछ हिस्से या ऐसा ढांचा होता है, जिसे व्यक्ति की कोशिकाएं खुद बना सकें. इन एंटीजन की वजह से शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र असली बीमारी पैदा करने वाले जीव को पहचानना सीख लेता है. फिर ये बीमारी से तेजी से और मजबूती से लड़ सकता है. लेकिन क्या होता है जब शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र बार-बार एक ही तरह के एंटीजन के संपर्क में आता है?