MGNREGA Aadhaar Based Payment System: देश के गांवों में ग्रामीणों को कमाई के मौके देने में मनरेगा स्कीम काफी फायदेमंद सिद्ध हो रही है। यह स्कीम गांव के इलाको में युवकों एवं बेकार लोगो को हर वर्ष न्यूनतम 100 दिनों का निश्चित रोजगार दे रही है। काम के बाद लाभार्थी श्रमिक के बैंक खाते में पैसे आ जाते है। ऐसे यह स्कीम देश की बेरोजगारी दर में भी कमी लाती है जिसको साल 2006 में लाया गया है।
बहुत समय पर यह देखा जाता है कि काम करने वाले श्रमिक को उसका मेहनताना टाइम पर नहीं मिलता है और काफी समय उनके पैसों को भ्रष्टाचारी लोग बीच में ही हड़प कर लेते है। इन बातो को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने साल 2024 की पहली जनवरी को ही एक नए नियम को जारी किया है। इसमें लाभार्थी श्रमिक को उसके आधार के द्वारा पैसों का भुगतान होगा और उस श्रमिक के बैंक अकाउंट को आधार से जोड़ना होगा। ये भुगतान प्रणाली करना अब जरूरी ही होगा।
अधिकांश मजदूरों ने काम छोड़ा
जिस समय पर स्कीम को शुरू किया गया था तब दिल्ली में श्रमिक को काम करने के बाद प्रतिदिन पारिश्रमिक दिया जाता है किंतु इस काम में काफी घपले होने लगे थे। इस कारण से साल 2024 में सरकार ने एक नई आधार आधारित प्रमाणी को लाया है। अब जिन भी श्रमिको को पैसे नही मिल पा रहे थे उनको पैसे मिलेंगे। अभी तक इस स्कीम में 25 करोड़ से अधिक श्रमिको को पंजीकृत किया गया है एवं इस समय पर 14 करोड़ से अधिक मजदूर काम कर रहे है।
मनरेगा स्कीम में कार्यरत अधिकांश श्रमिको के बैंक खाते उनके आधार कार्ड से नही जुड़े है जिससे 1.7 करोड़ नागरिक बेकार बैठे हुए है। इस टेक्निकल त्रुटि को हल करने के उद्देश्य से इस समय पर श्रमिको को रिहायत मिलेगी एवं नए आधार भुगतान प्रणाली से भुगतान होगा।
मनरेगा आधार बेस्ड पेमेंट सिस्टम
आधार आधारित भुगतान प्रणाली में श्रमिक के बैंक अकाउंट को उसके आधार से जोड़ देते है। इसके बाद आधार की डीटेल्स को इसके जॉब कार्ड से भी जोड़ते है। जो मजदूर अब तक बैंक खाता खुलने से छूट गए है उनका बैंक अकाउंट ओपन होगा। फिर नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप के द्वारा श्रमिक की उपस्थिति को दर्ज करके टाइम पर उनको पैसे का पेमेंट देंगे।
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क्यों बदल गया पेमेंट सिस्टम
मनरेगा जॉब कार्ड धारकों में से 34.8 फीसदी को अयोग्य घोषित किए गए चूंकि उनके आधार, जॉब कार्ड एवं दूसरे डॉक्यूमेंट्स में गलत नाम थे। इन नामो में त्रुटि को ठीक करके आधार पेमेंट प्रणाली की शुरुआत की गई है। इससे ठीक अकाउंट में पैसे आयेंगे एवं भुगतान में ट्रांसपेरेंसी भी आ जायेगी। नकली लाभ लेने वालो को रोककर धांधली भी समाप्त होगी। भविष्य में इस प्रकार के पेमेंट सिस्टम से श्रमिक को पेमेंट करने में बैंक अकाउंट अपडेट करवाने की जरूरत नहीं रहेगी। चूंकि आधार के कारण डायरेक्ट उनके बैंक खाते में पैसे भेजे जायेंगे।