NDPS एक्ट, या नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 भारत में मादक पदार्थों के उत्पादन, बिक्री, उपयोग और कब्जे को नियंत्रित करने वाला कानून है। इस कानून के तहत 2 तरह के नशीले पदार्थ नारकोटिक और साइकोट्रोपिक आते हैं इनमें से कुछ मेडिकल जरूरतों या अन्य कार्यों में भी इस्तेमाल होता है, इसी को नियंत्रण में रखने के लिए NDPS एक्ट बनाया गया है, ताकि इसका गलत इस्तेमाल न हो।
NDPS एक्ट के तहत, मादक पदार्थों को दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
- नारकोटिक ड्रग्स: ये ड्रग्स अत्यधिक नशे की लत और हानिकारक होते हैं। इनमें हेरोइन, कोकीन, और अफीम शामिल हैं। केंद्र सरकार इन प्रतिबंधित दवाओं की जानकारी समय-समय पर जारी करती रहती है।
- साइकोट्रोपिक सब्सटेंस: ये ड्रग्स कम नशे की लत और हानिकारक होते हैं, लेकिन इनके दुरुपयोग से मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं। इनमें कैनाबिस (गांजा), ल्यूडोप्राम, और डायजेपाम शामिल हैं। इनमें से कुछ दवाएं मेडिकल जरूरतों के लिए भी इस्तेमाल होती हैं लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह से इन्हें नहीं लिया जा सकता है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत, मादक पदार्थों के उत्पादन, बिक्री, उपयोग और कब्जे पर विभिन्न दंडों का प्रावधान है। इन दंडों में जुर्माना, कारावास, या दोनों शामिल हो सकते हैं।
एल्विश यादव पर लगाई NDPS एक्ट की धारा
पिछले साल, नोएडा पुलिस ने राहुल, टीटूनाथ, जय करन, नारायण और रविनाथ नाम के पांच लोगों को पकड़ा था। इनके पास से सांप और सांप का जहर मिला था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये जहर रेव पार्टियों में इस्तेमाल होता है और एल्विश यादव की पार्टियों में भी इसका इस्तेमाल होता है।
एल्विश यादव के खिलाफ पुलिस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन पर वन्यजीव संरक्षण कानून और आईपीसी की कुछ धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। हाल ही में, पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट भी जोड़ दिया है। एल्विश इन सब आरोपों से इनकार कर रहे हैं।
पुलिस ने पहले भी एल्विश से पूछताछ की थी, पर कल फिर से पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए लोग अब जमानत पर हैं।
अब पुलिस ने एल्विश पर NDPS एक्ट की धारा 29 लगा दी है, जो ड्रग्स से जुड़ी साजिश में शामिल होने पर लगती है। इस कानून के तहत जमानत मिलना मुश्किल होता है। लगता है, एल्विश के लिए आने वाला समय थोड़ा कठिन हो सकता है।