Court Decision: सिर्फ बेटा होने से ही नहीं मिलेगी पिता की संपत्ति कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

आजकल के समय में जमीन-जायदाद को लेकर होने वाले झगड़े समाज में एक आम समस्या बन गए हैं। पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिसमें बेटे द्वारा पिता की संपत्ति पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया गया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में बेटे को संपत्ति से…

Photo of author

Reported by Atul Kumar

Published on

आजकल के समय में जमीन-जायदाद को लेकर होने वाले झगड़े समाज में एक आम समस्या बन गए हैं। ऐसे ही एक मामले में, पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जो भविष्य के लिए एक मिसाल बन सकता है।

इस मामले में, एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी, जिसमें बेटे द्वारा पिता की संपत्ति पर अवैध कब्जा करने का आरोप लगाया गया था।हाईकोर्ट ने इस मामले में बेटे को संपत्ति से बेदखल करने का आदेश दिया। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अपनी संपत्ति को अवैध कब्जे से बचाना चाहते हैं।

आइए जानते हैं इस सम्पूर्ण मामले के बारे में, अतः आप हमारे इस लेख लेख को अंत तक पड़े ताकि आप भी अपने भविष्य में ऐसे कोई गलती ना कर पाएं।

सिर्फ बेटा होना पिता की संपत्ति पर हक जताने का आधार नहीं

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

एक गेस्ट हाउस के मालिक को उनके बेटे के अवैध कब्जे से राहत मिली है। आर.पी. रॉय नामक गेस्ट हाउस के मालिक ने आरोप लगाया था कि उनके सबसे छोटे बेटे रवि ने जबरन गेस्ट हाउस के तीन कमरों पर कब्जा कर लिया है।

उन्होंने न्यायाधिकरण में याचिका दायर कर रवि के खिलाफ बेदखली का आदेश मांगा। न्यायाधिकरण ने रॉय के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रवि को बेदखल करने का आदेश दिया।

न्यायालय ने कहा कि गेस्ट हाउस रॉय की पट्टे पर ली गई संपत्ति है और कानून के तहत वरिष्ठ नागरिक होने के नाते उन्हें रवि के अवैध कब्जे से मुक्ति का अधिकार है। यह फैसला उन सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रेरणा है जो अपने बच्चों द्वारा किए गए अवैध कब्जे से मुक्ति चाहते हैं।

बुजुर्ग माता-पिता को देना होगा किराया

बेटे ने हाईकोर्ट में अपील की थी। उसने तर्क दिया कि पिता के पास आय के अन्य स्रोत हैं। संपत्ति संयुक्त हिंदू परिवार की है। इसलिए इस पर उसका भी अधिकार है।

हाईकोर्ट ने बेटे की दलीलों को स्वीकार करते हुए न्यायाधिकरण का आदेश रद्द कर दिया।

अदालत ने कहा कि बेटा संपत्ति पर कब्जा बनाए रख सकता है, लेकिन उसे पिता को किराया देना होगा। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति में हिस्सेदारी का दावा करना चाहते हैं।

Leave a Comment