पिछले कई वर्षों से देश के सरकारी कर्मचारी Old Pension Scheme (ops) को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। ओपीएस के तहत, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद उनकी अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता है। सरकार ने 2004 में ओपीएस को समाप्त कर दिया था और इसकी जगह नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) लाया था। एनपीएस के तहत, कर्मचारी अपनी पेंशन के लिए योगदान करते हैं और सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें एकमुश्त राशि मिलती है।
महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों ने अपनी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने की मांग को लेकर अनशन शुरू किया था। इस आंदोलन ने महाराष्ट्र सरकार को गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर किया और ओपीएस को फिर से लागू करने का फैसला लिया गया। आइए जानते हैं इस खबर की सम्पूर्ण जानकारी।
सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला
10 साल तक महाराष्ट्र के सरकारी और अर्द्ध-सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली की मांग को लेकर हड़ताल पर रहे थे। हड़ताल के कुछ दिनों बाद ही, सरकार ने कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
महाराष्ट्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को फिर से लागू करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। यह फैसला राज्य के 11 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशी की खबर है।
इन राज्यों में बहाल की जाएगी पुरानी पेंशन स्कीम
पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और नई पेंशन योजना (एनपीएस) के बीच राजनीतिक रस्साकशी जारी है। कुछ गैर-बीजेपी शासित राज्यों ने ओपीएस को फिर से लागू करने का फैसला लिया है, जो एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बन गया है।
Old Pension Scheme (ओपीएस) और नई पेंशन योजना (एनपीएस) के बीच संघर्ष एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। छह राज्यों – हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, पंजाब, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ ने ओपीएस को फिर से लागू कर दिया है, जिससे देश के बाकी हिस्सों में सरकारी कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।
क्या देश में बहाल की जाएगी पुरानी पेंशन स्कीम
सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर 2003 को भर्ती के लिए आवेदन करने वाले कर्मचारियों को Old Pension Scheme (ओपीएस) का लाभ देने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यह फैसला लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशी की खबर है।
सुप्रीम कोर्ट ने 30 अगस्त 2004 तक नियुक्त हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ देने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यह फैसला ** लाखों कर्मचारियों** के लिए बड़ी खुशी की खबर है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।