इन तीन रंगों के होते हैं भारतीय पासपोर्ट, जानिए किसकी कितनी वैल्‍यू

भारत में पासपोर्ट के तीन रंग होते हैं: नीला, सफेद और मरून। नीला पासपोर्ट सामान्य नागरिकों को जारी किया जाता है, सफेद पासपोर्ट सरकारी अधिकारियों को, और मरून पासपोर्ट उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों और उनके परिवारों को जारी किया जाता है। नीले पासपोर्ट की वैधता 10 साल है, सफेद पासपोर्ट…

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Reported by Atul Kumar

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क्या आप जानते हैं कि भारत में सिर्फ नीले रंग का ही पासपोर्ट नहीं होता? जी हां, भारत सरकार तीन रंगों के पासपोर्ट जारी करती है: नीला, सफेद और मरून।

नीला, सफेद और मरून – ये तीन रंग भारत में जारी किए जाने वाले पासपोर्टों की पहचान हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन रंगों के पीछे क्या रहस्य है? तो चलिए जानते हैं इस रहस्य की सम्पूर्ण जानकारी।

पासपोर्ट कितने प्रकार के होते हैं?

भारत सरकार तीन रंगों के पासपोर्ट जारी करती है: नीला, सफेद और मरून। इनकी जानकारी हम आपको लेख में नीचे विस्तार से बताने जा रहने हैं –

नीला पासपोर्ट

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नीला पासपोर्ट सबसे आम प्रकार का पासपोर्ट है जो भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है। यह सामान्य नागरिकों को जारी किया जाता है जो पर्यटन, अध्ययन या व्यवसाय जैसे व्यक्तिगत कारणों से यात्रा करते हैं। नीला पासपोर्ट 10 साल के लिए वैध है और इसमें 36 पेज हैं।

नीले पासपोर्ट की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं:

  • इसका मुखपृष्ठ गहरे नीले रंग का है।
  • भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, अशोक स्तंभ, मुखपृष्ठ पर सुनहरे रंग में मुद्रित है।
  • “पासपोर्ट” शब्द मुखपृष्ठ पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों में मुद्रित है।
  • धारक का नाम, फोटो, जन्मतिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारी मुखपृष्ठ के अंदर मुद्रित है।
  • पासपोर्ट में धारक के यात्रा इतिहास को रिकॉर्ड करने के लिए 36 पेज हैं।

नीला पासपोर्ट दुनिया के अधिकांश देशों में यात्रा के लिए स्वीकार किया जाता है। हालांकि, कुछ देशों में यात्रा करने के लिए वीजा की आवश्यकता हो सकती है।

सफेद रंग का पासपोर्ट

सफेद रंग का पासपोर्ट भारत सरकार द्वारा सरकारी अधिकारियों को जारी किया जाता है जो आधिकारिक सरकारी व्यवसाय पर विदेश यात्रा करते हैं। यह नीले रंग के पासपोर्ट से अलग होता है जो सामान्य नागरिकों को जारी किया जाता है।

सफेद रंग के पासपोर्ट की कुछ प्रमुख विशेषताएं:

  • रंग: इसका मुखपृष्ठ सफेद रंग का होता है।
  • अशोक स्तंभ: भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, अशोक स्तंभ, मुखपृष्ठ पर सुनहरे रंग में मुद्रित होता है।
  • पासपोर्ट: “पासपोर्ट” शब्द मुखपृष्ठ पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों में मुद्रित होता है।
  • धारक की जानकारी: धारक का नाम, फोटो, जन्मतिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारी मुखपृष्ठ के अंदर मुद्रित होती है।
  • पृष्ठों की संख्या: इसमें 64 पेज होते हैं, जो नीले पासपोर्ट के 36 पेज से अधिक है।
  • वैधता: यह 5 साल के लिए वैध होता है, जो नीले पासपोर्ट की 10 साल की वैधता से कम है।
  • वीजा: सफेद रंग के पासपोर्ट धारकों को कुछ देशों में वीजा छूट मिल सकती है, जो नीले रंग के पासपोर्ट धारकों को नहीं मिलती है।

सफेद रंग का पासपोर्ट धारक को कुछ विशेष सुविधाएं प्रदान करता है:

  • वीजा छूट: कुछ देशों में सफेद रंग के पासपोर्ट धारकों को वीजा की आवश्यकता नहीं होती है, जबकि नीले रंग के पासपोर्ट धारकों को वीजा के लिए आवेदन करना होता है।
  • हवाई अड्डे पर प्राथमिकता: कुछ हवाई अड्डों पर सफेद रंग के पासपोर्ट धारकों को सुरक्षा जांच और आव्रजन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाती है।
  • राजनयिक सहायता: विदेश में सफेद रंग के पासपोर्ट धारकों को भारतीय दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों से अधिक सहायता मिल सकती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सफेद रंग का पासपोर्ट धारक को सभी देशों में वीजा छूट नहीं देता है। कुछ देशों में वीजा प्राप्त करने के लिए सफेद रंग के पासपोर्ट धारकों को भी आवेदन करना होगा।

मरून रंग का पासपोर्ट

मरून रंग का पासपोर्ट भारत सरकार द्वारा जारी किया गया एक विशेष प्रकार का पासपोर्ट है। यह भारतीय राजनयिकों, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों और उनके परिवारों को जारी किया जाता है।

मरून पासपोर्ट की विशेषताएं:

  • रंग: इसका मुखपृष्ठ गहरे मरून रंग का होता है।
  • प्रतीक: भारत का राष्ट्रीय प्रतीक, अशोक स्तंभ, मुखपृष्ठ पर सुनहरे रंग में मुद्रित होता है।
  • शब्द: “पासपोर्ट” शब्द मुखपृष्ठ पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों में मुद्रित होता है।
  • जानकारी: धारक का नाम, फोटो, जन्मतिथि और अन्य व्यक्तिगत जानकारी मुखपृष्ठ के अंदर मुद्रित होती है।
  • पेज: इसमें 64 पेज होते हैं।
  • वैधता: यह 10 साल के लिए वैध होता है।

मरून पासपोर्ट के लाभ:

  • यह धारक को विदेशों में विशेषाधिकार और सुविधाएं प्रदान करता है
  • यह धारक को वीजा आवश्यकताओं से छूट प्रदान कर सकता है (कुछ देशों में)।
  • यह धारक को आप्रवासन प्रक्रियाओं में तेजी प्रदान कर सकता है।

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