World’s Top Economy: ग्लोबल इकोनॉमी में भविष्य के वर्षो में कितनी रहेगी, कौन देश आगे निकलेगा, कौन पीछे रहेगा, इस बात के बारे में बहुत से जानकर अपनी राय देने में लगे है। ज्यादातर रिपोर्ट चीन एवं भारत को सबसे ज्यादा उल्लेखित करने में लगी है चूंकि इन देशों की बढ़ती जाने वाली इकोनॉमी के बारे में जानकारों की राय है कि ये दोनो देश शीघ्र ही अमरीका से आगे निकल जाएंगे। साल 2030 में चीन अमरीका से उसके विश्वशक्ति होने के टाइटल को छीनने में सफल हो जायेगा।
इसके बाद 2050 तक भारत भी अमरीका से आगे होकर विश्व में दूसरे स्थान की इकोनॉमी बनेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार चीन के लिए भविष्यवाणी हुई है कि वो 70 वर्षो में मतलब 2030 से 2100 तक विश्व पर राज करने वाला है। यह रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारत को चीन का स्थान लेने में न्यूनतम 100 सालो का टाइम लगने वाला है।
अर्थव्यवस्था के टॉप पर आने के कारण
ब्रिटिश कंसल्टेंसी सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) का अनुमान है कि विश्व में दूसरे नंबर की इकोनॉमी चीन भी आने वाले 6 वर्षो के बाद ही अमरीका से आगे निकलकर सबसे बड़ी शक्ति बनकर उभरेगा। जानकारों के मुताबिक चीन की इकोनॉमी इन्वेस्टमेंट, हाई टेक्निकल डेवलपमेंट एवं डोमेस्टिक खपत पर डिपेंड करने वाली है। विशेषज्ञ कहते है कि वर्ष 2025 तक चीन की सकल घरेलू उत्पाद अर्थात GDP में प्रति वर्ष 5.7% एवं साल 2030 तक 4.7% सालाना तक विकास करेगी।
भारत जल्दी ही तीसरे नंबर पर आएगा
इस समय पर विश्व की कुल GDP में चीन का भाग 18% रहा है। चीन की इकोनॉमी 4.2% की बड़ोत्तरी की दर की वजह से 18 ट्रिलियन डॉलर आई एवं वर्ष 2030 में 43.8 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यस्था सहित ये विश्व में सर्वाधिक बड़े आकार की इकोनॉमी बनेगी। फिर आने वाले 45 वर्षो में ये आंकड़ा 57 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा और इसक 25 वर्षो बाद चीन की GDP 101.86 ट्रिलियन डॉलर होगी।
पीएम मोदी का देश को तीसरी बड़े आकार की इकोनॉमी बनवाने का स्वप्न भी शीघ्र ही पूर्ण होने वाला है। PWC के अनुमान के मुताबिक साल 2050 में भारत विश्व में पहले नंबर की इकोनॉमी को पछाड़ते हुए दूसरे स्थान पर काबिज होगा। इस समय पर देश 3.4 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी के साथ विश्व में पांचवे नंबर की इकोनॉमी है।
इस समय पर भारत दूसरे नंबर पर होगा
लेकिन वर्ष 2075 में ये आंकड़ा 52.5 ट्रिलियन डॉलर आ चुकी होगी वही अमेरिका 51.5 ट्रिलियन डॉलर्स की GDP सहित तीसरे स्थान पर काबिज होगी। ऐसे पहले स्थान पर आने को लेकर भारत को भी न्यूनतम 100 वर्षो तक का टाइम लगने वाला है चूंकि जिस समय पर चीन की अर्थव्यवस्था 100 ट्रिलियन डॉलर्स की होगी तो भारत की 70 ट्रिलियन डॉलर्स की रहेगी। रिपोर्ट का अंदाजा है कि वर्ष 2100 में चीन 101.86 ट्रिलियन डॉलर्स की अर्थव्यवस्था के साथ ही पहले स्थान में आएगा। हालांकि इसी समय पर भारत 101.86 ट्रिलियन डॉलर की GDP के साथ दूसरे स्थान में रहेगा।
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सर्विस सेक्टर में भारत नंबर एक बना
एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते 18 वर्षो में ग्लोबल सर्विस एक्सपोर्ट के मामले में भारत की भागीदारी दुगनी हो चुकी है। सोमवार को आई रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर मतलब GCCs का इस विस्तार में काफी महत्वपूर्ण रोल रहा है एवं इससे भर एम रियल स्टेट, सर्विस के एक्सपोर्ट में वृद्धि करना है। कंपनियों की आमदनी में भी वृद्धि हुई है, काफी जॉब तैयार हुए है एवं देश की इकोनॉमिकल बड़ोत्तरी में बढ़त देखने को मिली है।
इस रिपोर्ट के अनुसार ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स की वृद्धि बीते 13 वर्षो में 11.4% की CAGR से बढ़ने के बाद वित्तीय साल 2023 में 46 बिलियन डॉलर तक आ गई है। ऐसे में इसमें 4 गुने तक की वृद्धि देखने को मिली है। इसी टाइमपीरियड में GCCs की संख्या भी दुगनी हो गई है और ये 700 से 1580 तक आई है।