Rahul Gandhi On Caste Census: बुधवार को राहुल गांधी ने पीएम मोदी एवं बीजेपी पर जाति जनगणना को लेकर हमला किया। राहुल का कहना था कि जो लोग अपने को देशभक्त का रहे है वो 90 फीसदी जनता को लेकर “न्याय” तय करने में जाति के अनुसार होने वाली गिनती के एक्सरे के खिलाफ खड़े हुए है। इसके बाद राहुल कहते है कि ऐसे लोग जाति के आधार पर होने वाली गणना को रोक नही सकेंगे। राहुल कल समृद्ध भारत नाम की संस्था के द्वारा करवाए जा रहे सामाजिक न्याय सम्मेलन के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की तरह से बोल रहे थे। राहुल यहां तक कह गए कि 90 फीसदी जनता को लेकर न्याय देना उनके जीवन का मिशन बन चुका है।
राहुल ने जाति जनगणना की बाते की
अब 26 अप्रैल में दूसरे चरण के मतदान होने ही वाले है और इसी क्रम में राजनीतिक माहौल में जाति जनगणना के मामले पर राहुल ने सरकार पर हमला किया है। राहुल का कहना है कि पीएम मोदी की तरफ से 16 लाख करोड़ रुपयों को देश के 22 लोगो में बांटा गया है और कांग्रेस देश के 90% नागरिकों को इस रकम से थोड़ी-थोड़ी राशि वापस करने वाली है। उनके मुताबिक आपको यह नहीं सोचना है कि ये जाति जनगणना केवल जातियों के सर्वे के लिए है। हमने इसके अंतर्गत आर्थिक एवं संस्थागत सर्वे को जोड़ना है।
जाति जनगणना मेरी जिंदगी का मिशन
राहुल गांधी कहते है कि जाति गणना मेरे लिए राजनीति न होकर जिंदगी का मिशन है और दुनिया की कोई शक्ति उनको इस काम से नही रोक पाएगी। जिस समय पर कांग्रेस सरकार ने आएगी तो जाति की जनगणना ही पहला काम करने वाली है, ये उनकी गारंटी है। राहुल ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने 10 वर्षो पहले अपने को OBC बताया था किंतु जिस समय भी मेरी तरफ से जाति के हिसाब से गणना एवं एक “एक्सरे” का मामला उठाया गया तो मोदी कहते है कि जाति नहीं होती है। अब यदि जाति नहीं है तो वो OBC कैसे हो गए? उनको तभी कह देना था कि मेरी कोई जाति नहीं है।
अमीरों-गरीबों की लिस्ट निकाओ
वे कहते है कि जाति की जनगणना केवल जाति कर सर्वे न होकर आर्थिक-सामाजिक चीजों को सम्मिलित करता है। इससे साफ होगा कि किस वर्ग को सर्वाधिक फायदा हो रहा है या मिले है। सामाजिक एवं आर्थिक न्याय तय करने के मामले में समाज में जरूरी काम को करने की जानकारी मिलेगी। राहुल का बीजेपी पर आरोप है कि वो देश के दलित एवं आदिवासियों की हिस्द्री के भी “मिटाने” का प्रयास कर रही है किंतु वे ऐसे होने नही देंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कहते है कि उनको जाति में रुचि नहीं है किंतु “न्याय” में है। राहुल ने मोदी के अपने को ओबीसी बताने पर भी सवाल किए। उनके मुताबिक पीएम मोदी ने देश में 2 जातियो के होने की बात की है जोकि अमीर एवं गरीब है। राहुल के मुताबिक उनको गरीब एवं अमीरों की सूची निकालनी चाहिए तो उनको OBC, दलित एवं आदिवासियों के नाम तो मिलेंगे किंतु अमीरों की लिस्ट नही मिल सकेगी।
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मिडिया ने “गैर-गंभीर” नेता चित्रित किया
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राहुल कहते है कि राम मंदिर एवं संसद की बिल्डिंग के उद्घाटन में कोई भी दलित, आदिवासी नही दिखे थे। अब 90 फीसदी लोगो को यह बात भी समझ आने लगी है। राहुल राम मंदिर के उद्घाटन समारोह से देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को शामिल न करने का आरोप भी बीजेपी पर लगा रहे है। देश की मीडिया पर भी राहुल ने आरोप लगाया कि वो उनकी छवि “गैर-गंभीर” नेता की तरह से सामने रखती है। साथ ही मनरेगा, भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में संघर्ष, न्यायगिरी एवं भट्टा पारसौल के मामले को मिडिया की तरफ से गंभीरता से नहीं लिया गया किन्तु वो अमिताभ, ऐश्वर्या एवं विराट को गंभीरता वाले मामले मानते है।