America’s Kids Food: अमेरिका के कृषि मंत्री टॉम विल्सक की तरफ से खाने के द्वारा अमरीकी बच्चो की हेल्थ को अच्छा करने को लेकर बड़ा एक्शन लिया गया है। उनका कहना है कि टीचर्स, क्लासेस, बुक्स एवं कंप्यूटर्स की भांति ही सेहतमंद खाने का माहौल भी एक जरूरी भाग है। अमरीकी बच्चो के मील में ज्यादा पोषण डालें के उद्देश्य से बाइडन सरकार की तरफ से काफी घोषणाएं हो चुकी है। इस फैसले के बाद बच्चो की खाने में कम मीठा एवं अधिक शाकाहारी खाने का सामना डाला जाएगा।
बाइडेन प्रशासन के भोजन पर बड़े फैसले
कृषि मंत्री टॉम की तरफ से विद्यालय के बच्चो को खाने के द्वारा हेल्दी करने को लेकर बड़े एक्शन लेने की बात करते है कहा गया है कि हमारे द्वारा सभी बच्चो को उनकी क्षमताओं तक लाने में सहायता देने के टारगेट को शेयर किया जाता है। विद्यालय में बच्चे को सही खाना मिलने से वो क्लास के भीतर एवं बाहर ज्यादा कामयाबी पाने को लेकर मजबूत होते है। वे और कहते है कि यह मील का पत्थर और विस्तारित होगा और बाइडन-हैरिस सरकार विद्यालयों, जिलों, स्टेट्स एवं इंडस्ट्रीज के संग पार्टनेशिप करते रहेंगे जिससे विद्यालय के खाने को सशक्त करने को लेकर करी गई असाधारण तरक्की को निर्मित कर पाए।
2027 तक प्रोग्राम लागू कर देंगे
यह पहला अवसर है जब अमेरिकाभर के विद्यालयों के खाने में एक्स्ट्रा शुगर को सीमित करने का काम होगा। इस मामले में साल 2025 तक छोटे परिवर्तन होंगे एवं साल 2027 तक पूर्णतया लागू कर देंगे। इस शुगर की मात्रा को कंट्रोल करने का फैसला मां-बाप एवं टीचर्स को परेशानी के बाद हुआ है। एक सर्वे में जानकारी पता चली है कि ये एक्स्ट्रा मीठा सामान्यतया ब्रेकफास्ट की चीजों में मौजूद है। चाइल्ड केयर ऑपरेटर की तरफ से भी साल 2025 तक अनाज एवं दही में मीठे को सीमित करने की शुरुआत होगी।
फलों, सब्जियों एवं साबुत अनाज पर बल
बच्चो के भोजन पर दिए ऑर्डर में कहा गया है कि विद्यालय फ्लेवर्ड एवं अन-फ्लेवर्ड दूध को देने जारी रख सकेंगे जिससे बच्चो को जरूरी पोषक तत्व मिलते रहेंगे जैसे – कैल्शियम, विटामिन D, पोटेशियम आदि। किंतु साल 2025 तक ब्रेकफास्ट एवं दिन के खाने में दिए जा रहे सुगंधित दूध में एक्स्ट्रा चीनी की एक नई लिमिट तय करेंगे। दूसरी तरफ साल 2027 तक विद्यालयों को अपने खाने में सोडियम की चीजों में कुछ कमी लाने की जरूरत रहेगी।
किंतु साबुत अनाज के मामले में अभी के पोषक स्टैंडर्ड में बदलाव नहीं किया जाएगा। बच्चो के खाने में फ्रूट्स, वेजिटेबल, साबुत अनाज के ऊपर बल देने का काम होगा एवं बच्चो की हेल्थ, स्वादपूर्ण खाने को लेकर काफी तरह के पोषक चीजों को बैलेंस मिल जायेगा।
विशेष दल ने प्राथमिक स्कूल का सर्वे किया
वर्तमान में स्कूली बच्चों के भोजन में सब्जियां, फ्रेश फ्रूट एवं अंकुरित अनाज आदि सेहतमंद चीजे देखने को मिल रही है। बीते दिनों में एक टीम को अमरीका के 8 प्राइमरी विद्यालय के खाने के नई मेन्यू की चेकिंग के लिए भेजा। इनमे देखा गया कि फ्लोरिडा के तांपा में क्यूबाई सैंडविच, मिनियापोलिस का चिकन टिक्का मसाला एवं आचार इत्यादि को दिया जा रहा था। इसे बाद उनको फेडरल रूल्स के मुताबिक चेंज किया गया। साथ ही सर्वाधिक कठिन कार्य करने वाले (खाना सर्व करने वाले) को प्रोत्साहन रकम में बड़ोत्तरी मिली।
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अमरीका का स्कूली भोजन कार्यक्रम
- अमरीकी सरकार हर साल विधायलो के लंच कार्यक्रम पर 9.90 अरब रुपए का खर्चा करता है।
- इसमें 2.2 करोड़ बच्चे निःशुल्क एवं 18 लाख बच्चे 28 रुपए में किफायती खाना पाते है।
- भारत में भी साल 1995 के स्वतंत्रता दिवस पर मिड डे मील स्कीम शुरू हुई थी।