Brain Bleeding: विश्वभर में स्प्रिचुअल गुरु के रूप में प्रसिद्ध पा चुके सद्गुरु (जग्गी वासुदेव) की ब्रेन सर्जरी होने की न्यूज ने सभी को चौकाने का काम किया है। खबर है कि उनको ब्रेन ब्लीडिंग की सर्जरी करवानी पड़ी तो अब काफी लोगो के मन में इसके बारे में जानने की उत्सुकता भी बढ़ी है। लगातार सिर में दर्द रहने के कारण जग्गी वासुदेव को MRI करवानी पड़ी जिसमे यह बात सामने आई कि उनको ब्रेन ब्लीडिंग है।
मेडिकल वर्ल्ड की जानलेवा बीमारी
जग्गी वासुदेव को जिस दशा को झेलना पड़ रहा है वो चिकित्सा की दुनिया में बहुत घातक कही जाती है जिसमे पीड़ित की जान को तुरंत सर्जरी के माध्यम से बचाना होता है। ऐसा न करने पर पीड़ित व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है। यहां दिमाग की कोशिका एवं खोपड़ी के मध्य में खून जमा हो जाता है या फिर दिमाग के भीतर भी खून जमा होने लगता है।
ब्रेन हेमरेज में सर्जरी जरूरी
इस बीमारी को लेकर वरिष्ठ चिकित्सक का कहना है कि एक ओर तो ब्रेन हेमरेज से प्रभावित हुए भाग में सूजन देखने को मिलती है। साथ में दिमाग के मध्य भाग की रेखा में प्रेसर रह सकता है इससे मध्य रेखा विपरीत दिशा में भी जा सकती है। इसमें खोपड़ी के प्रभावित भाग के साथ ही अन्य भागों में भी असर पड़ने लगता है। डॉक्टर्स की राय में ये एक आपातकालीन दशा होती ही जिसमे व्यक्ति के जान पर जोखिम अथवा विकलांग होने से बचाने को तुरंत सर्जरी अनिवार्य हो जाती है।
बीमारी के मुख्य लक्षण जाने
जग्गी वासुदेव के केस में बीमारी के लक्षण बार-बार रहने वाला सिर का दर्द था। इसको लेकर जानकारी की राय में बेवजह होते रहने वाले सिर के दर्द में तत्काल टेस्ट करवा लेना चाहिए। इसके साथ ही कमजोरी, चेहरे, हाथ, पैर एवं बॉडी के किसी खास भाग के लकवाग्रस्त हो जाना भी एक लक्षण है। इनके अलावा पीड़ित को चक्कर, उल्टी, थकावट, अनिंद्रा एवं बोलने में परेशानी आदि चीजे होने लगती है। कुछ पीड़ितों में निगलने में दिक्कत, दृष्टि दोष, संतुलन में परेशानी आदि बाते भी दिख जाती है।
ब्रेन हेमरेज की वजह क्या होगी?
डॉक्टर्स की राय में सामान्यतया ब्रेन हेमरेज की वजह गिर जाना अथवा ट्रामा रहता है, इसके अलावा जिन भी लोगो में असामान्य ब्लड प्रेशर दिखता है उनमें ये स्थिति सामान्य हो सकती है। इनके अलावा दिमाग में खून के थक्के, ब्रेन ट्यूमर एवं दिमाग में संक्रमण भी इसके मुख्य कारण हो सकते है।
बीमारी की पहचान का तरीका
सीटी स्कैन, MRI अथवा MRM के द्वारा ब्रेन ब्लीडिंग को पहचाना जा सकता है। वैसे तो चिकित्सक इसमें सर्जरी एवं दवाएं देकर नियंत्रण पा लेते है। इस बात का निर्णय बीमारी की स्थिति को देखकर ही करते है।
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बचाव के तरीके जान लें
अब सबसे जरूरी बात यह जाने कि आप इस खतरनाक दशा से कैसे बचाव कर सकते है तो यह जान लें कि आपने अपने ब्लड प्रेशर को ठीक रखना है, वर्कआउट करते रहे, तंबाकू एवं शराब आदि से दूरी बनाए एवं जीवनशैली को सेहतमंद बनाए। डायबटीज के रोगी व्यक्ति को अपने शुगर के लेवल को नियंत्रित करके रखना होगा।