Big Car Scam in History : हर सरकार के शासन में छोटे बड़े घोटाले तो होते ही रहते है किंतु क्या आप सोच सकते है कि किसी सरकार पर ही धोखेबाजी का आरोप लगा हो। आज एक देश की सरकार के ऊपर यह आरोप लग रहा है कि उसने 50 सालो से अपने उधार को चुकता नही किया है। यह मामला सत्तर के दशक से शुरू होता है जिसमे खरीदी गई कारो को अभी तक की सबसे बड़ी ठगी तक कहा जा रहा है। तो अब जान ले पूरा प्रकरण जिसकी चर्चा समय के साथ जोरो पकड़ने लगी है।
हजारों कारो का उधार आज तक बाकी
कारोबार की दुनिया की एक कहावत सबसे मशहूर है कि आज नकद, कल उधार। यह बात इस वजह से कहते है कि व्यापार में कैश चलता रहे और उधार का बोझ न आने पाए। किंतु इसके विपरित जाकर दुनिया की एक सरकार ने ही उधार में हजारों कारे खरीदी जिसका उधार वो आज तक चुका नही पाए है। यह उधार की रकम कोई छोटी भी नही है और खाते में 320 मिलियन डॉलर को पार कर चुकी है।
कारो की दुनिया की सबसे बड़ी ठगी
आज के समय में ये डील कारो की दुनिया में सबसे बड़ी ठगी के रूप में कुख्यात हो रही है। अब आप उस देश की सरकार का नाम भी जान ले जिनके सिर पर यह ठगी का आरोप लग रहा है और वो है नॉर्थ कोरिया। यह बात 70 के दशक की है तब नॉर्थ कोरियन सरकार की तरफ से स्वीडन की जानीमानी कार कंपनी वोल्वो (Volvo) को बड़ी संख्या में कारो के निर्माण का ऑर्डर प्राप्त हुआ था। कंपनी सही प्रकार से कारो को बनाने के बाद उचित इंतजाम के साथ कारे नॉर्थ कोरिया भी पहुंचाई किंतु आज तक कंपनी को इसकी पेमेंट नही मिल सकी है।
कर ठगी का पूरा मामला जाने
अब पूरा मामला जाने तो यह बात साल 1970 के समय की है जब स्वीडन की फेमस कार बनाने वाली कंपनी Volvo ने अपने व्यापार को बढ़ाने के उद्देश्य से अन्य देशों में डील करने की सोची। कंपनी को उत्तर कोरिया में अच्छी संभावना दिख रही थी और यह देश आर्थिक तौर पर काफी अच्छे से तरक्की करता नजर आ रहा था। 1974 में स्वीडन सरकार का नॉर्थ कोरिया से समझौता हो गया जिसमे 1 हजार वोल्वो, 144 सेडान कारो सहित 70 मिलियन अमरीकी डॉलर के मूल्य की भारी मशीनरी के ऑडर पास हो गए।
आज भी कारे सड़को में दिख जारी है
बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश नॉर्थ कोरिया में टैक्सी के रूप में इन कारों को इस्तेमाल करने के लिए 1 हजार कारो को भेज भी दिया गया। किंतु इसके बाद अब 50 साल का समय बीत जाने के बाद भी कोरिया सरकार की तरफ से इन कारो का भुगतान नहीं हो पाया है। खास बात यह है कि उनके से बहुत सी कारे इस समय भी सड़को पर दौड़ रही है जिनकी फोटो सोशल मीडिया पर आ जाती है।
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ठगी करने वाले नेता का किन जोंग से संबंध
यदि सरकार पर काबिज नेता की बात करें तो साल 1974 में उत्तरी कोरिया पर किम इल-सुंग का शासन था। आज के समय में विश्व प्रसिद्ध हो चुके नॉर्थ कोरिया के तानशाह किम जोंग उन के दादा ये ही व्यक्ति थे। उनके द्वारा ही इन 1 हजार वोल्वो कारो के सरकारी ऑर्डर देने का काम हुआ था। स्वीडिश एक्सपोर्ट क्रेडिट एजेंसी ने बीते वर्ष ही एक रिपोर्ट जारी की थी, इसके अनुसार 1 हजार वोल्वो कारो पर ब्याज एवं अनपेड पेनाल्टी का योग करने पर यह रकम 322 मिलियन अमरीकी डॉलर होती है। अब हमारे भारतीय रुपए में यह रकम 2,684 करोड़ होगी।