RBI वापस आए फटे-पुराने नोटों का क्या करता है, कैसे होता है इनका इस्तेमाल?

एक नोट ही है जो पूरे भारत में घूमता है और किसी भी व्यक्ति के पास जा सकता है। लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान कई नोट क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसके बाद यह सभी नोट रिजर्व बैंक में भेजे जाते हैं, लेकिन वहाँ इनका क्या होता है आइए जानें

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Reported by Atul Kumar

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भारत में करेंसी नोटों का इतिहास बहुत ही साल पुराना है जो हर साल विकसित ही होता रहता है। समय के साथ-साथ देश अपनी करेंसी में भी परिवर्तन करता रहता है। हालांकि वर्तमान समय में डिजिटल पेमेंट्स के माध्यम से लेन देन किया जा रहा है लेकिन अभी भी रोजमर्रा की जिंदगी में नोट और सिक्के हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और भारत में यह प्रक्रिया कई दशकों से चली आ रही है। वर्तमान समय में भारत में 1, 2, 5, 10, 20, 50, 100, 500, 2000 रुपए के नोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन जो 1 रूपए का जो नोट होता है वह RBI द्वारा जारी नहीं किया जाता है। लेकिन जब देश में ख़राब नोटों की संख्या अधिक हो जाती है तो RBI फटे-पुराने नोटों का क्या करता है आइए जानते हैं इस जानकारी के बारे में……

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फ़टे पुराने नोट वापस लेता है बैंक

नोट एक वस्तु है जो किसी वस्तु अथवा सेवा के मूल्य का प्रतिनिधित्व करती है। यह एक विशेष प्रकार के कागज से बनाया जाता है तथा इसमें एक निश्चित मूल्य छापा जाता है। इसका उपयोग लेन-देन अथवा सामान खरीदने में किया जाता है। नोट कई प्रकार के लोगों के हाथ से गुजरकर आता है अर्थात एक नोट ही है जो पूरे भारत में घूमता है और किसी भी व्यक्ति के पास जा सकता है। लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान कई नोट क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। और यदि नोट बारिश में गलती से भीग जाए तो यह कुछ भी काम के नहीं होते हैं। इन सभी ख़राब नोटों को दुकानदार भी खरीदने से मना करते हैं, आखिर में लोगों को बैंक ही एक विकल्प नजर आता है। बैंक अपने ग्राहकों को पुराने कटे-फ़टे नोट को लेकर नए नोट प्रदान करता है। इसके बाद यह सभी नोट रिजर्व बैंक में भेजे जाते हैं जिसका निपटारा वही किया जाता है।

RBI वापस आए फटे-पुराने नोटों का क्या करता है, कैसे होता है इनका इस्तेमाल?

करेंसी का भी समय होता है?

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भारत में जितने भी प्रकार के नोट छपते हैं उनकी एक औसतन लाइफ होती है जिसका अंदाजा प्रिंटिंग के समय ही लगाया जा सकता है। नोट की जब औसतन लाइफ पूरी हो जाती है उसके पश्चात RBI इन सभी छपे नोटों को वापस ले लेता है। इन कटे-फ़टे नोटों को देश में अलग-अलग बैंकों के माध्यम से जमा किया जाता है और फिर इन्हें रिजर्व बैंक में भेजा जाता है।

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कटे-फ़टे नोटों को किया जाता है रीसाइकल

आरबीआई में जितने भी कटे-फ़टे तथा बहुत पुराने नोट आते हैं उनका रीसाइकल किया जाता है। इस प्रक्रिया में पहले इन नोटों के छोटे-छोटे टुकड़े किए जाते हैं इसके बाद इन्हें रिसाइक्लिंग उद्योग में भेजा जाता है। रिसाइकल प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात इनके कई प्रकार के प्रोडक्ट बनाए जाते हैं जैसे कि पेपरबोर्ड, प्लास्टिक तथा खाद आदि। इन सभी चीजों को बाजार में भेज दिया जाता है। अब हम पहले जमाने की बात करें तो पहले लोग नकली, गंदे अथवा कटे फटे नोटों को जला दिया करते थे जिससे वित्तीय नुकसान तो होता ही है साथ में पर्यावरण भी दूषित होता है। परन्तु अब रीसाइकल प्रक्रिया से यह परेशानी भी खत्म हो गई है। अर्थात अब पुराने फ़टे हुए नोट भी बर्बाद नहीं होंगे।

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