Lok Sabha Election 2024: कल देशभर में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के अंतर्गत मतदान हुए और पूरे दिन खामोशी रहने के साथ ही अंतिम समय में वोटर्स ने सक्रियता दिखाते हुए मतदान करने का काम किया। इस प्रकार से इलेक्शन में दिलचस्पी और प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा हो गया। पहले चरण की वोटिंग में 10% और दूसरे चरण में 8% तक की कमी दर्ज हुई है। इन्हीं बातों ने पश्चिम की राजनीति के आंकड़ों के उलझाने का काम कर दिया है और सभी पार्टियां “कई राजनीति” के विचार पर चलने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मूड को समझने में नाकाम रहे है।
दूसरे चरण के चुनाव में कल राज्य की कुल 8 सीटो पर वोटिंग हुई जिनमे मेरठ, बुलंदशहर, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनजर, अमरोह, मथुरा एवं अलीगढ़ के लिए वोटिंग का काम हुआ। पिछले लोकसभा चुनावो में अमरोह के अतिरिक्त सभी सीटो में बीजेपी ही सफल हुई थी। अब बीजेपी को इस बार भी अपनी साख बचाकर रखनी है। इसके अलावा सपा एवं बसपा को भी कुछ खास करके दिखाना होगा।
शहरो के मुकाबले गांवो में ज्यादा वोटिंग
शुरू में 11 से 12 फीसदी वोटिंग के साथ शुरुआत हुई और ये एकदम पहले चरण के इलेक्शन की ही तरफ था। हालांकि शहरों के मुकाबले गांवो में ज्यादा मतदान देखने को मिल रहे थे। वोटिंग के मामले में सुबह 9 बजे से 11 बजे तक ज्यादा स्पीड से वोटिंग हुई किंतु गर्मी बढ़ने के साथ ही दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक वोटिंग ने सुस्त रफ्तार कर ली। ऐसे में वोटिंग के कम होने से पार्टियों का अनुमान है कि अंतिम 1 घंटे में इस बार के इलेक्शन की सूरत को बदलने का काम कर दिया है और मामला रोचक एवं प्रतिस्पर्धी हो चुका है।
मेरठ सीट पर बीजेपी के राम
बागपत की सीट का नाम हमेशा से ही वोटिंग के मामले में आगे रहा है किंतु अबकी बार यहां के मतदान केंद्र सूने ही दिखे है। छपरौली की सीट पर भी वोटर्स की लाईन देखने को नहीं मिली है और ऐसे ही दृश्य बड़ौत एवं बागपत के भी रहे है। कुछ इसी तरह के हालात बुलंदशहर के इलाको में भी दिखे है और मतदाता में वो पुराने वाला जोश नही दिखा है।
मेरठ एवं हापुड़ आदि इलाकों में शाम के समय तक मुस्लिम बहुल सीटो पर वोटिंग कम हुई। ऐसे में बीजेपी अपने आप को मजबूत स्थिति में देख रही थी किंतु अंतिम समय में ज्यादा वोट हो जाने से इन सीटो का मामला भी कुछ गड़बड़ हो गया है। मेरठ से बीजेपी ने प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक रामायण के राम (अभिनेता अरुण गोविल) को खड़ा किया है।
पश्चिमी यूपी में बीजेपी की परीक्षा
पहले और दुसरे चरण के चुनावो में 3 बड़े मुद्दों पर बात हो रही थी – दलित+मुस्लिम कॉम्बिनेशन, मुसलमानों के वोट, दोनो गठबंधन (NDA एवं INDIA) का क्या होगा। बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद रालोद को बिजनौर एवं बागपत में कड़ी परीक्षा देनी होगी। बीजेपी के सामने पिछले लोकसभा इलेक्शन में खोई हुई सीटो (अमरोह, नगीना, शहरनपुर, बिजनौर) को वापस लेने की चुनौती है। अभी वोटिंग हो जाने पर भी चुनौतियां कम नहीं हुई है।
त्रिपुरा में सर्वाधिक वोटिंग हुई
लोकसभा इलेक्शन के पहले चरण की भांति ही दूसरे चरण में पिछले चुनावो से कम वोटिंग देखने को मिली है। विशेषरूप से यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, एमपी एवं राजस्थान आदि प्रदेशों में वोटिंग अनुमान से कम रही। इस चरण में 13 प्रदेशों की 88 सीटो पर वोटिंग का प्रतिशत 60 ही रहा जबकि पिछले चुनावो (2019) में यह आंकड़ा 70.09 फीसदी रहा था। सबसे अधिक मतदान त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ एवं पश्चिम बंगाल में हुए।
सुबह 9 बजे महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं बिहार आदि राज्यों में सर्वाधिक कम मतदान हुए और शाम तक इसी प्रकार की स्थिति बनी रही। पीएम मोदी का कहना था कि दूसरे चरण के इलेक्शन काफी अच्छे रहे। यह चुनाव NDA को ज्यादा स्पोर्ट मिला और विपक्ष और भी अधिक हताश होने जा रहा है।
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बंगाल में झड़प, कर्नाटक में पथराव
बंगाल एवं केरल में ईवीएम को लेकर गड़बड़ी होने को लेकर शिकायते मिली। कर्नाटक के दक्षिणी कन्नड़ जिले के बंजारूमले गांव में 100 फीसदी वोटिंग दर्ज हुई और गांव के कुल 111 वोटर्स ने वोट डाले। कर्नाटक के ही चामराजनगर जिले के इंदिगनाथा गांव में ग्रामीणों ने विकास के नाम पर ही वोटिंग का विरोध करना शुरू कर दिया। प्रशासन के वहां पहुंचने पर लोगो ने बूथ पर पत्थर फेंकने का काम किया। पश्चिम बंगाल के बालूरघाट में भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में झगड़े की खबर मिली है।