उज्जयिनी महाकाली मंदिर: जानिए क्यों है यह मंदिर इतना खास, जहाँ प्रधानमंत्री मोदी ने भी किया दर्शन

उज्जयिनी महाकाली मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था. इसका निर्माण पेशवा बाजीराव द्वितीय द्वारा करवाया गया था. मंदिर में देवी काली की 3 फीट की मूर्ति मौजूद है जो क्रोध और शक्ति से भरी हुई है. सिंह पर सवार देवी काली के दसों हाथों में तलवार, डमरू, भाला…

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Reported by Atul Kumar

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Ujjaini Mahakali Mandir: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल तेलंगाना के दौरे पर थे. वहां उन्होंने सिंकदराबाद में स्थित प्राचीन श्री उज्जयिनी महाकाली मंदिर में दर्शन किए. कहा जाता है कि ये मंदिर करीब 191 साल पुराना है. पूरे देश भर से भक्त यहां दर्शन करने पहुंचते हैं. इस मंदिर में एक मूर्ति है जो आस्था का केंद्र है. आइए जानते हैं इस मंदिर के इतिहास, महत्व के बारे में.

कब और कहां हुआ था मंदिर का निर्माण?

उज्जयिनी महाकाली मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ था. इसका निर्माण पेशवा बाजीराव द्वितीय द्वारा करवाया गया था. मंदिर में देवी काली की 3 फीट की मूर्ति मौजूद है जो क्रोध और शक्ति से भरी हुई है. सिंह पर सवार देवी काली के दसों हाथों में तलवार, डमरू, भाला समेत अलग-अलग शस्त्र मोजूद हैं. मूर्ति के दर्शन करने के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं. उज्जयिनी महाकाली मंदिर भक्तों के लिए पूरे साल खुला रहता है.

मंदिर का इतिहास

पौराणिक कथाओं के अनुसार साल 1813 में हैजा फैला था जिससे हजारों से ज्यादा लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. इसको देखते हुए सैन्य बटालियन का तबादला मध्य प्रदेश के उज्जैन में कर दिया गया. तब डोली ढोने वाले सुरीति अप्पैया अपने साथियों के साथ लोगों के स्वस्थ्य होने की प्रार्थना करने उज्जैन में स्थित महाकाली देवस्थानम गए. वहां उन्होंने वचन लिया कि अगर लोग महामारी से बच गए तो वहां मूर्ति स्थापित करेंगे. इसके बाद 1814 में वहां पर लकड़ी की मूर्ति स्थापित की गई और गर्भगृह का निर्माण किया गया. निर्माण के दौरान एक मूर्ति मिली जो माणिक्यलम्मा नाम के एक पत्थर से बनी हुई थी. साल 1964 में देवी काली की इस मूर्ति को भी स्थापित किया गया.

दक्षिण भारतीय शैली में किया गया मंदिर का निर्माण

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उज्जयिनी महाकाली मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय शैली के तर्ज पर किया गया है. मंदिर के गर्भगृह में महाकाली की मूर्ति है जिसकी शोभा सोने-चांदी के आभूषणों से बढ़ाई गई है. मंदिर की तीनों मंजिल काले पत्थर से तैयार की गई हैं. माना जाता है कि जो भी इस मंदिर में आता है उसकी हर मनोकामनी पूर्ण होती है. जिसके चलते हैं दूर-दराज से लोग प्रार्थना करने और मन्नत मांगने आते हैं.

दिवाली और नवरात्रि में होती है भीड़

नवरात्रि के 9 दिन उज्जयिनी महाकाली मंदिर में लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं. मंदिर को बहुत सुंदर तरीके से सजाया जाता है. मंदिर में उत्सव का आयोजन होता है जिसमें शामिल होने के लिए और पूजा दर्शन करने के लिए लोग भारी संख्या में यहां पहुंचते हैं. इसके अलावा दिवाली के समय भी मंदिर में काफी रौनक रहती है.

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