जैसा की आप सभी जानते है की भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. वोटिंग एक लोकतांत्रिक समाज में महत्वपूर्ण चीज है. इसके लिए कई महत्वपूर्ण नियम बनाए गए है. चुनाव के लिए भारत में नियम बनाए जाते है जो की भारतीय चुनाव आयोग के द्वारा बनाए जाते है. जिनका सभी को फॉलो करना पढ़ता है, आप सभी यह तो जानते ही है की वोटिंग के जरिए हम अपने नेता का चयन करते है. यह भारत के हर एक नागरिक का अधिकार है. परंतु कभी आप के मन में इस प्रकार का प्रश्न आया है की अगर कोई व्यक्ति अपने वोटिंग बूथ से दूर हो और उसकी ड्यूटी इलेक्शन में ही लगी हो तो. तो क्या कोई अन्य व्यक्ति उस व्यक्ति के बदले वोट डाल सकता है? तो चलिए जानते हैं:
ECI के अनुसार, केवल वही व्यक्ति वोट डाल सकता है जिसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है। किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर वोट डालना एक गंभीर अपराध है।
क्या किसी और के बदले डाल सकते है वोट?
जी हां, वैसे तो कोई भी व्यक्ति किसी के बदले वोट नहीं दे सकता है, परंतु कई स्थिति में ऐसा मुमकिन भी है. ये दो प्रकार के हैं पहला सर्विस वोटर और दूसरा प्रॉक्सी वोटर
प्रॉक्सी वोट केवल वह व्यक्ति दे सकता है जिसका नाम वोटर लिस्ट में शामिल है और वह चुनाव वाले दिन किसी कारण से मतदान करने में असमर्थ होता है. लेकिन वह कुछ स्थिति के लिए होता है जैसे की – अस्थायी अनुपस्थिति, बीमारी, या किसी अन्य आवश्यकता के लिए हो सकते हैं। इन खास स्थिति में ही प्रॉक्सी वोट डाला जा सकता है.
अन्य किसी भी प्रकार से कोई और किसी और का वोट नहीं दे सकता है, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 170 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 171A के अंतर्गत ऐसा करने पर 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकता है।
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सर्विस वोटर और प्रॉक्सी वोटर के बीच अंतर:
विशेषता | सर्विस वोटर | प्रॉक्सी वोटर |
---|---|---|
कौन आवेदन कर सकता है? | सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल, और सरकारी सेवाओं में कार्यरत लोग | 80 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, विकलांग व्यक्ति, और निर्वाचन क्षेत्र से बाहर रहने वाले सरकारी कर्मचारी |
कैसे वोट डालते हैं? | डाक मतपत्र के माध्यम से | मतदान केंद्र में जाकर |
किसे नियुक्त करते हैं? | – | प्रॉक्सी वोटर |
पहचान पत्र | अपना पहचान पत्र | मतदाता का पहचान पत्र |
सर्विस वोटर कौन होते है?
सर्विस वोटर एक व्यक्ति होता है, जो की भारतीय सेना, नौसेना एवं वायुसेना में सर्विस करता है. वह सेना में सेवानिवृत्त होने के कारण भी उन लोगों का नाम वोटर लिस्ट में होता है. यह विशेष वोटर उन्हें अपने वोट देने का अधिकार देता है. चाहे वह भारत के किसी भी राज्य या केंद्रीय चुनाव ही क्यों न हो. सर्विस वोटर अपने मूल जिले के लिए आवेदन करके सर्विस वोटर में पंजीकृत होता है .इसी प्रकार से सेवा में निरंतरता का आभास देते हुए भी, यह व्यक्ति वोट डाल पाता है और लोकतंत्र में अपना योगदान देने में सक्षम होते है. इसके साथ-साथ आप सभी को यह भी बता दे की जिन-जिन कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव के समय कही और लगी होती है उन सभी को भी सर्विस वोटर कहा जाता है.
सर्विस वोटर कैसे डालते हैं वोट?
अब आप सभी को मन में यह प्रश्न आ रहा होगा की आखिर सीरीज वोटर वोट कैसे डालते है. तो आपको बता दे की ड्यूटी पर होने के कारण सर्विस वोटर अपने बूथ से दूर भी होते है. जिसके कारण वह अपने वोटिंग बूथ पर नहीं पहुंच पाते है तो ऐसी स्थिति में वोटर्स के लिए एक मेल भेजा जाता है. जिसमें उन्हें फॉर्म-2, 2ए और फॉर्म 3 भेजा जाता है. उसके बाद उन्हें इसका प्रिंटआउट निकालना होता है. जिसके बाद सर्विस वोटर को इसमें टिक मार्क करना होता है उसके आगे जिस उम्मीदवार या पार्टी को वह वोट करना चाहते है. इसके बाद इन्हें उसको एक लिफाफे में बंद करके अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अधिकारी को भेज देना होता है. जब EVM में डाले गए वोटों की गिनती के बाद इन वोटों की गिनती की जाती है.
इन सभी जानकारी के साथ-साथ आप सभी को यह भी बता दे की सर्विस वोटर के लिए फॉर्म भी अलग-अलग होते है. तीनों सेना के जवानों के लिए फॉर्म – 2 होता है. अगर सर्विस वोटर पुलिस या फॉर किसी अन्य फोर्स में है तो उसके लिए फॉर्म-2ए होता है. बाकी के सरकारी कर्मचारियों के लिए फॉर्म-3 होता है. जिनमें टिक करने के बाद सभी अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव अधिकारी को भेज देते है.