जैसा की आप सभी जानते हैं बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए भारत सरकार अनेक योजनाएं संचालित करती है। इन योजनाओं का उद्देश्य बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करना है।
बेटियों के सपनों को पंख लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही है सुकन्या समृद्धि योजना। यह योजना न केवल बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए धन जमा करने में मदद करती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाती है।
सुकन्या समृद्धि योजना क्या है?
सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार द्वारा 22 जनवरी 2015 को शुरू की गई एक छोटी बचत योजना है। यह योजना 10 वर्ष तक की आयु की बेटियों के लिए शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए धन जमा करने में मदद करना है।
हितग्राही को रखना होगा मिनिमम बैलेंस
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के खाते को चालू रखने के लिए न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना आवश्यक है। यदि आप न्यूनतम बैलेंस नहीं रखते हैं, तो आपका खाता बंद हो सकता है!
31 मार्च 2024 तक सभी SSY खाताधारकों को अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस जमा करना होगा।
योजना की विशेषताएं
- ब्याज दर: 8.2% प्रति वर्ष (वार्षिक रूप से संयोजित)
- कर लाभ: जमा राशि पर ₹1.5 लाख तक आयकर छूट
- गारंटीशुदा रिटर्न: यह योजना एक सरकारी योजना है, इसलिए आपको गारंटीशुदा रिटर्न मिलता है
- लचीलापन: आप अपनी बेटी की जरूरतों के अनुसार जमा राशि को कम या ज्यादा कर सकते हैं
- ऋण सुविधा: 15 वर्षों के बाद खाते में जमा राशि का 50% तक ऋण लिया जा सकता है
- निवेश: आप ₹250 से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक निवेश कर सकते हैं
- परिपक्वता: 21 वर्ष
- आंशिक निकासी: 18 वर्ष की आयु के बाद 50% राशि निकाली जा सकती है
सरकार टैक्स में देती है छूट
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई एक शानदार योजना है। इस योजना में निवेश करने पर आपको कई लाभ मिलते हैं, जिनमें से एक है टैक्स मुक्त रिटर्न।
31 मार्च के बाद बंद हो सकता है खाता
यह पूरी तरह से सच नहीं है। 31 मार्च के बाद आपके खाते के बंद होने की संभावना केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही है।
देना पड़ सकता है जुर्माना
यदि आपके पास सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) का खाता पहले से है और आपने इसमें न्यूनतम ₹250 जमा नहीं करवाए हैं, तो खाता निष्क्रिय हो जाएगा। इसे दोबारा सक्रिय करने के लिए आपको जुर्माना देना होगा।