एक्सप्रेस-वे पर टायर का फटना बन रहा है मौत की वजह, इसके कारण जानकर बचाव करें

Tyre Burst on Expressway: पिछले दिनों में ग्रेटर नोएडा से देवरिया जाने वाली बारात में दूल्हे की कार का टायर यमुना एक्सप्रेस-वे पर फट गया और इस एक्सीडेंट में 5 लोगो की जाने चली गई। एक्सप्रेस वे पर ऐसी टायर ब्लास्ट के मामले काफी मात्रा में होने लगे है। ऐसे…

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Reported by Atul Kumar

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Tyre Burst on Expressway: पिछले दिनों में ग्रेटर नोएडा से देवरिया जाने वाली बारात में दूल्हे की कार का टायर यमुना एक्सप्रेस-वे पर फट गया और इस एक्सीडेंट में 5 लोगो की जाने चली गई। एक्सप्रेस वे पर ऐसी टायर ब्लास्ट के मामले काफी मात्रा में होने लगे है। ऐसे मामलो में अधिकतर मौते भी होने लगी है। भारत में सड़को का नेटवर्क तेज गति से मजबूत हो रहा है और एक्सप्रेस की तादात भी बढ़ने में लगी है। लेकिन हमारे जीवन को तेज स्पीड देने वाले ये एक्सप्रेस वे छोटी सी गलती पर मौत का सबब भी बनते जा रहे है। हालांकि आजकल इन पर कारो के टायर फटने के मामले ने सभी का ध्यान खींचा है।

आखिर टायर क्यों फटते है?

एक्सप्रेस वे पर कार के टायर फटने के पीछे काफी कारण हो सकते है किंतु सैद्धांतिक तौर पर टायर उस समय पर फटते है जब इनसे दबाव वाली हवा तेज गति से बाहर निकलती है। इस प्रकार की घटना टायर के स्ट्रक्चर में खराबी आने और इसके हवा को रोककर रखने में अक्षम होने पर होती है। सरल शब्दों में कहे तो टायर की हालत सही न होने पर ऐसा होगा। जिस समय पर हवा टायर में छेद अथवा कोई लीकेज करके बाहर आने का प्रयास करेगी तो वो टायर की रूपरेखा को भी तोड़ेगी। फिर धमाके के साथ टायर फट जायेगा।

टायर फटने पर एक्सपर्ट्स पॉइंट्स

समान्यत्य टायर बनाने वाली कंपनियों के तरफ से किन्ही विशेष पॉइंट्स पर बल देने का काम होता है जोकि कभी भी इग्नोर नही करने चाहिए। फेमस टायर बनाने वाली कंपनी अपोलो टायर के मुताबिक किन्ही विशेष बिंदुओं को बता रहे है जिनसे टायर के ब्लास्ट होने के चांसेज बढ़ते है।

डायरेक्ट इम्पैक्ट

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यदि रोड के गड्ढे पर अचानक से कार का टायर आ जाए अथवा रोड के किनारे के भाग में आ जाए तो टायर की रूपरेखा के बिगड़ने के चांसेज बढ़ जाते है। किंतु एक्सप्रेस वे पर ऐसी बाते नही हो पाती है चूंकि इसकी रोड काफी अच्छी एवं स्मूथ रहती है। यह वजह सामान्य रोड को लेकर बनी रहती है।

ज्यादा गर्मी होना

गर्मी के दिनों में टायर फटने के मामले अधिक होने लगते है और इसका मुख्य कारण टायर का ताप ज्यादा हो जाना है। सड़क को दौड़ती गाड़ी का टायर सीधे ही रोड के कॉन्टैक्ट में आ जाता है और रगड़ लगते रहने से इसका टेंपरेचर भी बढ़ने लगता है। काफी बार टायर के जलने की स्मेल भी देखी जाती है। नॉर्थ इंडिया में काफी जगह पर टेंप्रेचर 40 से 50 तक चला जाता है जोक टायर के फटने की वजह बनता है।

लो प्रेशर हवा

टायर की कम हवा भी इसके फटने की वजह हो सकती है। रिपोर्ट को माने तो इस प्रकार के टायर फटने के केसों में 75 फीसदी में यह देखा गया कि हादसे के दौरान टायरों इन हवा भी कम थी। टायर में कम हवा हो तो इसके लचीलेपन से रगड़ बढ़ने लगती है और इसकी रूपरेखा भी खराब होने लगती है। जिस समय पर हवा फूले टायर के भीतर घूमने लगती है तो दाब एवं रोड की रगड़ की वजह से ये गर्म होने लगती है और इसी से टायर के ब्लास्ट की दशा बन जाती है।

ज्यादा स्पीड

हर समय ज्यादा स्पीड पर गाड़ी चलने पर रोड में दायर के फटने के चांसेज बढ़ने लगते है। हर टायर को एक खास स्पीड एवं रोड के सर्फेस को लेकर रेटिंग मिलती है और इन लिमिट पर गौर न करते हुए गाड़ी ज्यादा स्पीड पर दौड़ने से इसका टायर फट जायेगा। साथ ही ज्यादा स्पीड पर सड़क एवं टायर के मध्य रगड़ को ज्यादा आक्रामक रूप से बढ़ाने का काम करेगी।

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ओवरलोडिंग

यदि कार में क्षमता से अधिक सवारी है अथवा इसमें अधिक लगेज कैरी किया हुआ हो तो इसके टायर के फटने के चांसेज बढ़ने लगते है। जैसे हम बता चुके है कि प्रत्येक गाड़ी के टायर को उसकी बॉडी के डिजाइन एवं भार के हिसाब से बनाने का काम होता है। तो यदि कार पर ज्यादा अथवा ओवरलोडिंग का काम हो तो टायर के ब्लास्ट होने के चांसेज बढ़ जाते है।

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