पाकिस्तान के कश्मीर राग उठाने की कोशिश को ईरानी राष्ट्रपति ने फेल किया, शर्मिंगगी का शिकार हुआ पाक

Iran Pakistan Kashmir India: ईरानी राष्ट्रपति आजकल पाकिस्तान के दौरा कर रहे है और अपने तीन दिवसीय दौरे में उन्होंने सोमवार को पाकिस्तानी पीएम शाहबाज शरीफ से मीटिंग की। इसी बीच पाक पीएम ने उनके समक्ष कश्मीर के मामले को भी रखने के प्रयास किए किंतु ईरान के प्रेसिडेंट ने…

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Reported by Atul Kumar

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Iran Pakistan Kashmir India: ईरानी राष्ट्रपति आजकल पाकिस्तान के दौरा कर रहे है और अपने तीन दिवसीय दौरे में उन्होंने सोमवार को पाकिस्तानी पीएम शाहबाज शरीफ से मीटिंग की। इसी बीच पाक पीएम ने उनके समक्ष कश्मीर के मामले को भी रखने के प्रयास किए किंतु ईरान के प्रेसिडेंट ने इसको असफल कर दिया।

दरअसल पाक पीएम एवं ईरान के राष्ट्रध्यक्षो की साझा प्रेस कांफ्रेंस में पीएम शाहबाज ने अपने शुरुआती बयान को देने के दौरान भारत और पाकिस्तान के मध्य कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान का साथ देने पर ईरान के प्रेसिडेंट का शुक्रिया किया। शाहबाज का कहना था,”हम कश्मीर मामले पर सपोर्ट को लेकर ईरान के आभारी है।” उनका कहना था कि दोनो देशों ने परस्पर हित एवं क्षेत्र की चिंता के मामले का चिन्हीकरण किया है और इस पर सहभागी होने की सहमति प्रदर्शित की है।

ईरानी राष्ट्रपति ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी

लेकिन यहां पर ईरान के प्रेसिडेंट की तरफ से इस मामले पर कुछ कहने से दूरी ही दिखी और इजराइल-फिलिस्तीन के बीच जारी चल रहे युद्ध पर ध्यान रहा। पीएम आवास पर जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने शुरुआती बयान में वे कह रहे थे कि अभी ये बात साफ हो चुकी है कि किस प्रकार से यूनाइटेड नेशन अपने कर्तव्य के निर्वाह में एवं इजराइल की तरफ से गाजा में जारी नरसंहार की रोकथाम में निष्फल रहा है।

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अब ईरान के प्रेसिडेंट के बयान को पाकिस्तान की तरफ से स्थानीय एवं ग्लोबल स्तर पर कश्मीर के मामले पर स्पोर्ट पाने की कोशिशों पर साफ उपेक्षा की तरह से देखा जाने लगा है। जानकारों की राय में पाक को भारत एवं ईरान के आपसी रिश्तों को लेकर अच्छे से जानकारी होनी चाहिए। ऐसे में पाक पीएम को पत्रकार वार्ता के समय पर कश्मीर के मामले को छेड़ने के पूर्व सतर्क होना था जबकि इस समय पर ईरान की नजर इजराइल में जारी युद्ध पर है।

इसको शर्म की बात कह रहे जानकार

जानकर कह रही है कि कश्मीर के मामले में ज्यादा स्पोर्ट पाने को लेकर पाकिस्तान की कूटनीति की कोशिश उतने शक्तिशाली नही है कि उनको किसी देश के उच्च स्तर के नेता के सपोर्ट की बाते मिल जाए। ये बात काफी शर्मिंदगी की भी रही कि पाक पीएम कश्मीर मामले पर मददगार नजरिए को लेकर ईरान के प्रेसिडेंट का शुक्रिया कर ही है जिसको लेकर उन्होंने न ही पहल की और न ही रिएक्शन दिया।

दोनो देशों के बीच व्यापार बढ़ाने के डील

वैसे इसी बीच दोनो देशों के मध्य बिजनेस को न्यूनतम 10 अरब डॉलर तक वृद्धि करने पर रजामंदी जरूर हुई। रईसी प्रेस कांफ्रेंस में कहते है कि हम लोगो आपसी रिश्तों को ऊंचे स्तर तक सशक्त करने के लेकर प्रतिबद्ध है। अभी हमने दोनो देशों के मध्य आपसी बिजनेस ओ 10 अरब डॉलर तक लाने का निर्णय कर लिया है। यहां दोनो देशों ने 10 MOU पर भी साइन किए जोकि आने वाले समय में बिजनेस एवं डेवलपमेंट को लेकर आपस में भागीदारी बढ़ानेंगे।

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दूसरे देशों के सामने भी पाक ने ऐसा किया

इससे पहले भी पाकिस्तान के प्रयास अन्य देशों जैसे सऊदी अरब, तुर्की, ईरान आदि के नेताओ के साथ कश्मीर मामले को उठाने के रहे है। लेकिन अपने प्रयासों में उसको सऊदी अरब और ईरान से निराशा ही हाथ लगी है। वैसे तुर्की ने काफी बार कश्मीर का मामला उठाने का प्रयास किया है जिसके बाद भारत ने भी अपनी नाराजगी दर्शाई है। वैसे इस समय पर गाजा में जारी संघर्ष में 35,000 लोगो की जाने चली गई है और ईरान-इजराइल भी एक बार तो सीधे हमले भी कर चुके है जोकि दोनो के बीच सीधे युद्ध के हालात पैदा करता है।

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