Mutual Fund KYC: म्यूचुअल फंड में निवेश करने के मामले में एक जरूरी न्यूज आ रही है। सेबी की तरफ से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगो के लिए KYC के नए नियम लाए गए है। इन नियमों को म्यूचुअल फंड योजना को चलाने को लेकर लाया गया है जोकि अप्रैल माह की पहली तारीख से मान्य रहेंगे। अब सेबी के नए नियमानुसार म्यूचुअल फंड के निवेशकों को नए तरीके से अपनी KYC करना जरूरी होगा। इस तरह से इन्वेस्टर्स को अपनी KYC की स्थिति को जानना भी अनिवार्य होगा। इसके अलावा ये भी जानना होगा कि इसके क्या अर्थ है जिसे वे बगैर दिक्कत के अपनी म्यूचुअल स्कीम में पैसे लगा सके।
निवेशकों को फ्रेश KYC करनी होगी
इससे पहले सेबी की तरफ से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालो के लिए 31 मार्च को अंतिम तिथि रखा गया था। सेबी के मुताबिक नए सिरे से KYC न करने वाले लोगो के अकाउंट को ब्लॉक करने का काम होगा। किंतु फिर इस मामले में छूट देने को कहा गया कि नई KYC न करने पर खाते को ब्लॉक नही करेंगे। यहां पर उनके खाते को होल्ड पर डाला देंगे और नई KYC करने पर म्यूचुअल फंड खाते से होल्ड को हटा देंगे। यदि बात करें पुराने नियम की तो इसमें KYC कैंपलेंसेज वाले इन्वेस्टर्स बिना दिक्कत के म्यूचुअल फंड में पैसे डाल पाते थे।
म्यूचुअल फंड के टाइप एवं इनके प्रभाव
म्यूचुअल फंड KYC की स्थिति एवं इसके प्रभाव भिन्न-भिन्न प्रकार के है। यहां पर निवेशक की KYC की स्थिति ऑन होल्ड, रजिस्टर्ड अथवा रिजेक्टेड हो सकती है। KYC की स्थिति के साथ ही निवेशक यह भी जान पाएगा कि उसकी KYC के चार्ज कौन सी KYC रजिस्टर्ड अथॉरिटी (KRA) के पास है। जिस निवेशक के KYC की स्थिति वैलीडेटेड होगी तो उसकी तरफ से जमा हुए डॉक्यूमेंट्स की चेकिंग हो चुकी है। यदि KYC की स्थिति रिजेक्टेड अथवा ऑन होल्ड हो तो निवेशक को अपनी KYC को फ्रेश तरीके एस KYC करना होगा।
केवाईसी वैलिडेटेड का मतलब
यदि किसी की KYC की स्थिति वैलीडेड हो तो इसका अर्थ हुआ कि उसके द्वारा सबमिट किए गए डॉक्यूमेंट्स की सोर्स के साथ चेकिंग हो गई है। इसका मतलब है कि उनको देने वाली संस्था के साथ इनकी चेकिंग हो गई है। यदि जानकारी में कोई न परिवर्तन हुआ हो तो निवेशक काफी सरलता से कोई भी म्यूचुअल फंड की योजना में इन्वेस्ट कर सकेंगे। इस समय सिर्फ पैनकार्ड एवं आधार कार्ड को ही इस मेथड से मान्य कर सकेंगे। अब जिन लोगो ने इन डॉक्यूमेंट्स को देकर KYC की हो तो उनके खाते की स्थिति वैलिडेट होने के चांस है। इसके द्वारा वो अलग-अलग म्यूचुअल फंड की कंपनियों में इन्वेस्ट कर पाएंगे।
केवाईसी रजिस्टर्ड/वेरिफाइड का मतलब
जिनके KYC स्थिति रजिस्टर्ड अथवा वेरिफाइड दर्शाता हो तो उन्होंने जो भी डॉक्यूमेंट्स दिए होंगे तो उनको डायरेक्ट जारी करने वाली संस्था से सत्यापित नही कर सकते है। ऐसे में वो व्यक्ति कोई एभी म्यूचुअल कंपनी में इन्वेस्ट तो कर सकेगा किंतु उसको सभी समय आवश्यक डॉक्यूमेंट्स सबमिट करने पड़ेंगे। यह स्टेटस उन निवेशकों को लेकर है जोकि KYC प्रक्रिया में अपने एड्रेस एवं आईडी को लेकर पैनकार्ड अथवा आधार के अतिरिक्त अन्य डॉक्यूमेंट जैस पासपोर्ट अथवा मतदाता पहचान पत्र दे चुके है।
इन लोगो को विभिन्न म्यूचुअल फंडों में इन्वेस्ट करने को लेकर पैनकार्ड अथवा आधार जमा करके फ्रेश KYC कर सकेंगे। इस प्रकार से वो KYC वैलीडेटेड के वर्ग में आ सकेंगे। वैसे ऐसे उनके वर्तमान म्यूचुअल फन इन्वेस्ट में किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा।
केवाईसी ऑन होल्ड का मतलब
KYC होल्ड का स्टेटस आने का अर्थ होगा कि उस व्यक्ति के KYC दस्तावेजों, मोबाइल नंबर एवं ईमेल आईडी का सत्यापन नही हो पाया है। इस प्रकार से वो काफी सारी वित्तीय सेवाओं का फायदा नहीं ले सकेंगे और इससे उनका वर्तमान SIP पर भी असर पड़ सकेगा। वो किस प्रकार के नए निवेश को नही कर पाएंगे एवं ने तो पुराने इन्वेस्ट को रिडीम ही कर पाएंगे। इस दशा में वर्तमान की योजनाओं में लेनदेन के मामले में अपने ईमेल एवं मोबाइल नंबर को वैलिडेट करवाना पड़ेगा। इसके अलावा आने वाले समय में इन्वेस्ट के दौरान ज्यादा डॉक्यूमेंट सबमिट करने से बचाव को लेकर फ्रेश KYC की प्रक्रिया को करना पड़ेगा।
KYC के स्टेटस को ऑनलाइन चेक करना
- सबसे पहले अपने इस वेबसाइट के लिंक www.cvlkra.com को क्लिक करना है।
- होम पेज में अपने “KYC Inquiry” विकल्प को चुनना है।
- नए पेज में अपने वन पैन नंबर एवं कैप्चा कोड को दर्ज करके “सबमिट” करना है।
- अगले स्क्रीन पर आपकी KYC की स्थिति प्रदर्शित होगी।