दुनियाभर में इन मामलों में खास होते है भारतीय पेरेंट्स, इन बातो पर खास ध्यान देते है

Special Facts about Indian Parents: दुनिया के सभी देशों के माता-पिता का अपने बच्चों को पालने का तरीका भिन्न होता है। कुछ देशों में पेरेंट्स सख्त होकर बच्चे पालते है तो कुछ काफी प्यार से पेश आते है। इस मामले में भारतीय पेरेंट्स का भी अपना ही अंदाज है जिसके…

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Reported by Atul Kumar

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Special Facts about Indian Parents: दुनिया के सभी देशों के माता-पिता का अपने बच्चों को पालने का तरीका भिन्न होता है। कुछ देशों में पेरेंट्स सख्त होकर बच्चे पालते है तो कुछ काफी प्यार से पेश आते है। इस मामले में भारतीय पेरेंट्स का भी अपना ही अंदाज है जिसके बारे में हम आपको इस लेख के अंतर्गत बताने वाले है। आज आप कुछ क्यूकर्स की जानकारी लेंगे और पेरेंट्स कैटेगरी के लिए इन क्यूकर्स की जानकारी लेना काफी रोचक होगा।

जीवन के पाठ सीखने वाले पहले टीचर्स

किसी भी बच्चे के लिए उसके माता-पिता पहले अध्यापक सिद्ध होते है। जिस तरह के पैरेंट्स होंगे तो उनका बच्चा भी वैसा ही होगा। सभी को अपने जीवन के सर्वाधिक कठिन एवं अहम लेसन अपने पेरेंट्स से ही सीखने का मौका मिलता है। अपने काम का चुनाव करने एवं डेली की हैबिट्स के मामले में पेरेंट्स ही अपना रोल निभाते दिखते है। ये वो चीज है जोकि उनको अन्य देशों के पैरेंट्स से अलग करती है।

घरेलू नुस्खों से मदद

हमारे देश में किसी को भी घर के नुस्खों की कोई कमी नहीं लगती होगी। हमारे यहां बच्चो को हल्दी मिले दूध से लेकर अन्य रोगों की रोकथाम को करने के प्रयास होते है। देश की प्रत्येक रसोई में आपको दवा की संपदा मिल जायेगी। काफी प्राचीन उपचार से हम लोगो को स्वस्थ करने में आगे है। बच्चो को जैसे ही हल्की खांसी होगी तो उसके पेरेंट्स उसे जड़ी-बूटी से तैयार काढ़ा देने को तैयार रहते है।

लाइफ पार्टनर का सही चुनाव

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भारतीय बच्चो के मामले में उनके जीवनसाथी की तलाश करना पेरेंट्स की जिम्मेदारी होती है। और वो लोग काफी बारीकी से बच्चो को उनके लाइफ पार्टनर तलाशने का काम करते है और बच्चे भी उन पर काफी विश्वास जताते है। किंतु बीते कुछ दशक में इस मामले में थोड़े परिवर्तन हुए है और बच्चे अपने लाइफ पार्टनल को खुद ही चुन रहे है किंतु इस मामले में वे पहले माता-पिता की परमिशन जरूर लेते है।

शिक्षा में खास फोकस

भारतीय पेरेंट्स की तरफ से बच्चो की शिक्षा पर बहुत ध्यान एवं सहायता देने का प्रयास होता है। उनके बच्चो को आगे के लिए कौन से विषय का चुनाव करना है एवं किस सेक्टर में जाना है, ये सभी बाते पेरेंट्स ही निर्धारित कर लेते है। पेरेंट्स को उनके बच्चो की पढ़ाई के प्रोग्राम में भी काफी अधिक संलग्न देखा जाता है।

खाने की काफी चिंता

यदि कोई बच्चा अपनी मां से रोटी की मांग करता है तो वो एक बड़े आकार की रोटी को कुछ अन्य खाने की चीजों के साथ लेकर आ जाएगी। हमारे देश की माताओं का प्रेम अपने बच्चे से सदियों से इसी प्रकार से होता आया है और वे अपने बच्चो को कभी भी भूखे नहीं रहने देती है। साथ ही पेरेंट्स अपने बच्चो को ज्यादा लाड में जरूरत से ज्यादा खिलाने के भी प्रयास करते रहते है। हमारे देश में भोजन को काफी प्रेमपूर्वक बनाने की प्रथा रही है।

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पैसे का महत्व सीखना

पेरेंट्स कम आयु से ही अपने बच्चो को व्यर्थ के खर्चे से बचाने का भरसक प्रयास करते है। ऐसा करके वो उनको गलत आदतों से बचाने एवं आने वाले समय में पैसे की सही कीमत जानने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से करते है। पेरेंट्स बच्चो को पैसे की कीमत बताने के साथ ही सेविंग को लेकर भी जागरूक करने का प्रयास करते है। लगभग हर एक पेरेंट्स ने अपने बच्चो को पैसे की सेविंग की सलाह दी है।

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