Lok Sabha Election: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के हिरासत में होने का प्रभाव दिखने लगा है। दिल्ली में मेयर एवं डिप्टी मेयर के इलेक्शन को टालने का फैसला हुआ है जोकि इस तरह का पहला मौका भी है। विशेष घटना के तहत ये बात पहली दफा एलजी की कार्यालय में देखी गई। इन चुनावो को टालने को लेकर अन्य सियासी फायदे भी हो सकते है। किंतु उप राज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से मामले का आधार सीएम के अनुपस्थित रहने को ही कहा गया है।
केजरीवाल के बिना चुनाव ठीक नहीं
एलजी कार्यालय की ओर से जानकारी मिली है कि सीएम की अनुसंशा के बगैर पीठासीन अफसर को चुनने के बारे में किसी निर्णय को करना सही नहीं रहेगा। उप राज्यपाल ने सलाह दी है कि वर्तमान की दशा में कानून की पवित्रता एवं लोकतंत्र की प्रक्रियाओं को जारी रखने के प्रयास रखने होंगे। सीएम केजरीवार का हिरासत में ही दिल्ली की सरकार को चलाने का बयान करना तो इसमें सियासी भाषण से अधिक संभावना नहीं लगती है।
मंत्रिमंडल के मंत्री संदेशवाहक रह गए
दिल्ली के मेयर के इलेक्शन में जैसे सीएम की संस्तुति को तरजीह दी गई है, दिल्ली सरकार में मंत्रियों के संघ केजरीवाल की मीटिंग के बाद किसी विशेष परिमाण की प्राप्ति नहीं हो रही है। कारावास से ही सरकार को चलाते रहने की मामले में तो मंत्री भी केजरीवाल के मैसेंजर से अधिक उनकी भूमिकाओं को नहीं कर पा रही है। अब वो दिल्ली के मंत्री हो अथवा पंजाब के सीएम, ये सभी केजरीवाल के मीटिंग करके यही कहते रहते है कि सीएम एक ही बात पर चिंतित है कि दिल्ली के नागरिकों को किसी प्रकार की समस्या न हो रही हो।
केजरीवाल को दिल्ली के लोगो की चिंता
इस मामले में सीएम केजरीवाल की धर्मपत्नी सुनीता केजरीवाल ने भी इसी बात के ऊपर बल दिया है कि उनका किरदार भी केजरीवाल की संदेशवाहक के रूप में है। सुनीता ने दिल्ली के रामलीला ग्राउंड से लेकर रांची की चुनावी रैलियों में केजरीवाल की दिल्ली के नागरिकों की चिंता की ही बातो को दोहराने का काम किया है। वो हिरासत में उनके मर्डर के अनुमान को भी कहती रही है। कारागार में दो ग्रुप में हुई झड़प पर नेता संजय सिंह ने भी इसी प्रकार की बात को कहा था।
सुनीता बनी है पार्टी की स्टार कैपेनर
आप पार्टी की तरफ से लोकसभा इलेक्शन को लेकर उनका कैपेन का गाना भी सामने आया है। यह गाना है जेल के जवाब में हम वोट देंगे और इसको तिमारपुर के आप विधायक दिलीप पाण्डे ने लिखकर आवाज भी दी है। इससे पहले भी पार्टी “जेल का जवाब वोट से” आम का कैंपेन कर चुकी है। पहले तक तो सुनीता केजरीवाल को गुजरात के लिए मुख्य केंपेनर चुना गया था किंतु इस समय वे दिल्ली में पार्टी के लिए चुनावो की केंपेनर बनी है।
दिल्ली में उनके साथ भगवंत मान भी पार्टी के लिए मत मांगने वाले है। किंतु पंजाब समेत दूसरे प्रदेशों में सुनीता ही इलेक्शन की प्रचारक का भार सम्हालने वाली है। गाने की लॉन्चिंग में स्टेज पर एक चेयर को केजरीवाल के नाम के साथ खाली छोड़ा गया था और गाने के आखिरी में केजरीवाल इकलाब का नारा करते प्रदर्शित हुई।
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जेल से सरकार चलाने में दिक्कते
जेल में रहकर सरकार चलाने में कोई कानूनी दिक्कत नही है और कोर्ट ने भी इसको रोकने की याचिका पर नकारा है किंतु केजरीवाल से मंत्रियों की मीटिंग से क्या काम हो सकेगा। वो केजरीवाल के स्टे बैठकर मीटिंग नही कर पा रहे है और सभी बाते शीशे के आर-पार होती है। बाते करने में इंटरकॉम का इस्तेमाल होता है। ये बाते पब्लिक तरीके से नहीं होती है और घर के सदस्यों, संबंधियों और वकील के जैसे ही हो पा रही है।