Ethylene Oxide In Spices: भारतीय मसालों की लोकप्रियता काफी सदियों से दुनियाभर में देखने को मिली है किंतु हाल के दिनों में ये मसाले थोड़े अलग कारणों से खबरों का हिस्सा बन रहे है। भारत की मसाला कम्पनियो के 4 मसालों में कैंसर को बड़ावा देने वाले रसायन होने की बात कहकर सिंगापुर एवं हांगकांग सरकार ने इनको प्रयोग करने पर अलर्ट दिया है। इसके अंतर्गत कहा गया कि इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड नाम का केमिकल मौजूद है जोकि कैंसर जैसी घातक बीमारी का कारण बन सकता है।
इस अलर्ट के आते ही भारत के मसालों को लेकर बहस का दौर जारी हो चुका है। इसके बाद ही एक और खबर आई जिसमे सिंगापुर-हांगकांग की ही तरह से यूरोप ने भी इन भारत के मसालों में इस रसायन को रूटीन रूप से मिलने की बात कही है।
सिंगापुर-हांगकांग ने कुछ मसाले बैन किए
मसालों की क्वालिटी को देखकर सिंगापुर एवं हांगकांग ने MDH एवं एवरेस्ट के मसालों की कुछ किस्म पर बैन लगा दिया है। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने भी इन दोनो देशों में मौजूद भारत के दुतावासो को इस बैन के वजहों से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट्स के भेजे जाने के निर्देश जारी कर दिए है। इन दोनो देशों की फूड सेफ्टी रेगुलेटर्स का कहना है कि MDH एवं एवरेस्ट के 4 मसालों में कीटनाशक “एथीलीन ऑक्साइड” की मात्रा लिमिट से अधिक है।
इंसान को कैंसर होने का खतरा
एथीलीन ऑक्साइड को बहुत तरह के उद्योगों में प्रयोग किया जाता है जोकि कैंसर को बड़ावा देने वाला रसायन है। इससे लोगो को स्तन कैंसर होने का खतरा है और ये मानव दिमाग, DNA एवं तंत्रिका तंत्र को भी हानि देता है। रूम टेंपरेचर पर यह केमिकल एक मीठी सी खुशबू पैदा करने वाली रंगहीन जलनेवाली गैस है। ये अन्य केमिकल के निर्माण में भी मददगार होता है और कीटाणुनाशक एवं सहायक तत्व के भी कार्य करता है।
एथिलीन ऑक्साइड कितना खतरनाक है?
अमेरिका के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की वेबसाइट में डीटेल्स दी गई है कि एथीलीन से DNA को हानि देने की क्षमता रखने वाले स्टरलाइटिंग एजेंट का निर्माण होता है जोकि कैंसर पैदा करने को जिम्मेदार है। एथीलीन ऑक्साइड मानवों में उनकी सांसों के रास्ते से पहुंचता है। सामान्यतया इससे संबंधित व्यापार में कार्य करने वाले, उत्पाद के कस्टमर्स अथवा पर्यावरणीय खतरो द्वारा लोग सामने आ सकते है। ये केमिकल काफी एक्सप्लोसिव एवं रिएक्शन करने वाला भी है और इसी कारण से इसके व्यापारिक उपकरणों को अच्छे से बंद करते है। किंतु ऐसा करने के बाद भी इसके इंडस्ट्रियल उत्सर्जन की वजह से नजदीक के व्यक्ति अथवा कामगार कांटेक्ट में आ जाते है।
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रिसर्च से इन सभी खतरो का पता चला
- कैंसर पर रिसर्च करने वाली अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी (IARC) एवं अमरीका की परिवरण संरक्षण की एजेसी (EPA) ने भी इस रसायन को मानवों के लिए कैंसरजनक माना है। EPA के अनुसार इस रसायन से कुछ टाइम के लिए ही संपर्क में आपने पर इंसान के तंत्रिका तंत्र पर असर पड़ता है। जिससे अवसाद अथवा आंखो की जलन हो सकती है।
- ज्यादा टाइम तक इस रसायन के संपर्क में आने से आंखो, स्किन, नाक, गले एवं फेफड़े में जलन हो सकती है। और दिमाग एवं तंत्रिका तंत्र को भी हानि दे सकता है।
- इस संस्था ने किन्ही सबूतों को भी पेश किया है जिससे पता चलता है कि इस केमिकल के कांटेक्ट में आने पर महिला कामगारों के गर्भपात में बड़ोत्तरी हुई है।
- रिपोर्ट के अनुसार यह गैस पशुओं में प्रजनन को प्रभावित करती है और उनके शुक्राणुओं के कंसंट्रेशन में कमी आती है।
- अमरीका के कैंसर संस्थान के अनुसार इस केमिकल से लिम्फोमा एवं लुकेमिया होने की संभावना है। साथ ही ये लीवर एवं ब्रेस्ट के कैंसर की वजह भी बन सकता है।