सिर्फ 83 रुपए सैलरी के रूप में लेने वाले जुकलबर्ग की इनकम के गणित को जाने

$1 Salary Club: हमारे देश सहित विश्व भर की नामी कंपनियों की संपति और इनकम अरबों रुपए की रहती है। किंतु फिर भी इनके बिजनेसमैन नियमानुसार ही वेतन पाते है। इस तरह से इन बिजनेसमैन का मासिक वेतन भी काफी मोटा रहता है किंतु इनकी इनकम का बाद भाग काफी…

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Reported by Atul Kumar

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$1 Salary Club: हमारे देश सहित विश्व भर की नामी कंपनियों की संपति और इनकम अरबों रुपए की रहती है। किंतु फिर भी इनके बिजनेसमैन नियमानुसार ही वेतन पाते है। इस तरह से इन बिजनेसमैन का मासिक वेतन भी काफी मोटा रहता है किंतु इनकी इनकम का बाद भाग काफी प्रकार के मुआवजे एवं शेयर के रूप में रहता है। अब आप ये जानकर काफी हैरान होंगे कि इन अरबपतियों का बेसिक वेतन काफी अधिक नहीं होता है।

आज के लेख में आप विश्वभर की शीर्ष टेक कंपनियों के बिजनेसमैन की जानकारी लेंगे जोकि अक्सर खबरों का हिस्सा रहते है। यह व्यापारी अपने वेतन के रूप में सिर्फ 1 डॉलर ही लेता है और उसको दूसरे मुआवजो सहित 199 करोड़ की रकम मिलती है। ये थी वेतन की बात और आपको हैरानी होगी कि इनकी कंपनी इनकी इनकम से अधिक तो सिक्योरिटी देने पर खर्चा कर रहे है। तो आप भी जाने इस बिजनेस ताइकुन के बारे में।

सिर्फ 83 रुपए का वेतन ले रहे जुकलबर्ग

मात्र 83 रुपए अपने वेतन के रूप में लेने वाला यह बिजनेसमेंन है मेटा(फेसबुक) का संस्थापक एवं CEO मार्क जुकलबर्ग। जुकलबर्ग काफी विचित्र तरीके से अपना वेतन पा रहे है। कंपनी ऑफिसियल रूप से उनको सिर्फ 1 ही डॉलर यानी 83.30 रुपए दे रहे है किंतु वास्तविक रूप से उनको इस रकम से काफी अधिक का वेतन मिल रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक उनको सैलरी की तरह से कुल 24.4 मिलियन डॉलर्स यानी 199 करोड़ रुपए मिल रहे है।

वेतन से अधिक सेफ्टी पर खर्चा

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अब सभी कुछ जोड़ने पर जुकलबर्ग का वेतन 199 करोड़ रुपए बैठता है किंतु राशि का ज्यादा भाग उनकी सेफ्टी पर खर्च होता है। यह बताता है कि उनके जैसी इंसान की सेफ्टी कितनी अहम हो जाती है जोकि विश्वभर में एक फेमस चेहरा है। पिछले साल मेटा ने जानकारी दी थी कि जुकलबर्ग की प्राइवेट सेफ्टी को लेकर सुरक्षा रकम 40 फीसदी बढ़ाई गई एवं इसका खर्च 10 मिलियन डॉलर्स से 14 मिलियन डॉलर्स हुआ।

लेकिन मेटा से कर्मियों की छंटनी के समय जुकलबर्ग ने स्वयं के खर्चों को भी कम किया। साल 2022 में उनके घर एवं निजी यात्राओं पर सेफ्टी के लिए करीबन 120 करोड़ रुपए का खर्चा किया गया। किंतु इसके अगले ही वर्ष इस खचे को 78 करोड़ रुपए कर दिया गया। इस खर्चे में निजी वजहों से प्राइवेट विमान पर होने वाले खर्चा यानी 8 करोड़ रुपए सम्मिलित है।

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पिछले 10 सालो में केवल 11 डॉलर का वेतन

मेटा का कहना है कि जुकलबर्ग को सेफ करने पर काफी अधिक पैसे खर्च करना अहम है चूंकि वो कंपनी के लिए काफी महत्व रखते है। साल 2013 से ही जुकलबर्ग लैरी पेज, लैरी एलिसन एवं स्वर्गीय स्टीव जॉब्स आदि हस्तियों की तरह से “1 डॉलर सैलरी क्लब” का हिस्सा रहे है। इस क्लब में वो ही लोग आते है जोकि प्रतीकात्मक रूप से सिर्फ 1 डॉलर की सैलरी ले रहे है। इस हिसाब से जुकलबर्ग को बीते 10 सालो में सैलरी के रूप में केवल 11 डॉलर्स ही मिले है।

जुकलबर्ग को कम वेतन मिलने के बावजूद वो इस समय भी काफी अमीर व्यक्ति है। मेटा कंपनी के शेयर का मार्केट में रिस्पॉन्स भी उनकी इनकम को तय कर देते है। फरवरी माह के एक ही दिन में जुकालबर्ग की कुल वर्थ 28 बिलियन डॉलर्स बढ़ी थी किंतु इसी प्रकार से एक ही दिन में कंपनी के शेयर में आई गिरावट से उनको एक ही दिन में 30 बिलियन डॉलर्स की हानि भी हुई थी।

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