EPF Withdrawal Rules: जो कंपनी 20 अथवा इससे अधिक कर्मचारियों से काम करवा रही हो तो उसको कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ में पंजीकरण करना अनिवार्य हो जाता है। इसी वजह से ऑर्गेनाइज सेक्टर में कार्यरत अधिकांश लोगों का PF कटता है। जिस समय पर कोई व्यक्ति अपनी नौकरी की शुरुआत करता है तो उसको EPFO की तरफ से एक यूएएन नंबर मिलता है। जॉब देने वाला ही UAN के अंतर्गत यह PF अकाउंट खोलने का काम करता है। कर्मचारी एवं कंपनी से इस खाते में प्रति माह में अंशदान जमा होता है। काफी दशा में इस अकाउंट से पैसे निकालने में टैक्स भी देना पड़ सकता है।
5 सालो से पहले निकासी पर टैक्स
यदि खाताधारक अपने EPF अकाउंट से 5 वर्षो तक कोई निकासी नहीं करता है तो उसको कोई टैक्स नहीं देना होगा। इन 5 वर्षो में खाताधारक एक कंपनी में ही जॉब करता है अथवा इससे अधिक कंपनी में जॉब करता है, इस बात से कोई असर नहीं पड़ने वाला है। किंतु जिन लोगो ने 5 वर्षो से कम समय तक जॉब की है और ईपीएफ खाते से पैसे की निकासी करने वाले है तो उनको टैक्स देना पड़ सकता है। लेकिन इन्ही खास दशाओं में 5 वर्षो से पूर्व पैसे की निकासी पर भी टैक्स छूट के प्रावधान है। इनमे मुख्य है – खाताधारक की हेल्थ बिगड़ना, कंपनी का काम बंद होना अथवा कुछ दूसरी बात पर टैक्स की छूट मिल जाती है।
इस स्थिति में टैक्स देना होगा
लेकिन यह जान ले कि आम दशा में 5 वर्षो से पहले खाते से पैसे की निकासी करने पर टैक्स का भुगतान करना होगा। ये टैक्स खाताधारक को उसी वर्ष अदा करना होगा जिस वर्ष उसकी तरफ से खाते से पैसे की निकासी हुई है। जैसे कोई साल 2021-22 में अपने PF खाते में पैसे को डिपॉजिट करना शुरू करता है एवं साल 2024-25 में कुछ पैसे की निकासी कर देता है तो उसको इसी साल (2024-25) में टैक्स का भुगतान करना होगा।
टैक्स के कैलकुलेशन को समझे
जिस वर्ष खाताधारक ने PF का अंशदान किया हो तो उसी वर्ष उसकी कुल इनकम में लग रहे टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स का कैलकुलेशन होगा। PF के खाते में जमा होने वाली राशि के 4 भाग रहते है – खाताधारक का योगदान, कंपनी का योगदान, नियोक्ता के भाग से मिल रहा ब्याज एवं खाताधारक के भाग से मिल रहा ब्याज। यहां 5 वर्ष पूर्व PF खाते से पैसे की निकासी पर इन सभी चारों पर टैक्स लागू होगा।
80सी का फायदा भी ले सकेंगे
इस बात पर ध्यान दे कि किसी खाताधारक के अंशदान पर टैक्स का भुगतान 2 बिंदुओं पर डिपेंड होता है। यदि खाताधारक ने अपने हिस्से के टैक्स में धारा 80सी का फायदा ले रखा हो तो उसके अंशदान को टैक्स के अंतर्गत आता है। खाताधारक का हिस्सा उसके वेतन का भाग गिना जाएगा। किंतु धारा 80सी का फायदा न लेने की दशा में खाताधारक का अंशदान टैक्स के अंतर्गत नही आ पायेगा। नियोक्ता के अंशदान एवं इस पर मिल रहे ब्याज को वेतन का भाग गिना जाता है।
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इतना TDS काटा जायेगा
यदि खाताधारक 5 वर्ष से पूर्व ही पैसे को निकलता है तो इस पर टैक्स लगने वाला है। यदि इस टाइमपीरियड से पूर्व पैसे की निकासी होती है और खाताधारक का पैनकार्ड भी खाते से जुड़ा नहीं हो तो 20% टैक्स लगेगा। किंतु पैनकार्ड के PF खाते से जुड़े होने पर 10% टीडीएस कटा जाएगा। यहां पीएफ खाते में जमा राशि के 50,000 रुपए से कम रहने पर कोई TDS नही देना पड़ेगा। जिसकी इनकम टैक्स के स्लैब से कम रहती हो तो वो फॉर्म 15G अथवा 15H सबमिट करके TDS से बचाव कर सकता है।