आज के दौर में, हर चीज़ में मिलावट (adulteration) की संभावना लगती है। छोटे दुकानदार हों या बड़े बिजनेसमेन, कई लोग मुनाफा कमाने के लिए हर चीज की क्वालिटी से समझौता कर रहे हैं, भले ही इसका मतलब ग्राहकों की सेहत को खतरे में डालना ही क्यों न हो। हाल ही में, गोलगप्पे के पानी में हाइड्रोक्लोरिक एसिड (hydrochloric acid) इस्तेमाल करने का पता चल है, जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक है।
हर जगह है गोलगप्पे की स्टॉल
हर बड़े शहर या छोटे कस्बे में आपको हर जगह गोलगप्पे की स्टॉल मिल जाएगी। लेकिन मिलावट के बढ़ते मामले में, गोलगप्पे भी नहीं बच पाए हैं। क्या आप जानते हैं कि गोलगप्पे के पानी में अक्सर स्वाद बढ़ाने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाया जाता है, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक है? तो आप हाइड्रोक्लोरिक एसिड से मिलावटी पानी की पहचान कैसे कर सकते हैं।
परोसा जा रहा धीमा जहर
खाने के नाम पर लोगों को धीमा जहर परोसा जा रहा है। नकली ब्रांड और घटिया उत्पादों (fake brands and substandard products) के इस्तेमाल से कई लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो रही हैं। ज़्यादातर लोगों को गोलगप्पे पसंद होते हैं, लेकिन अब थोड़ा ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए इनमें भी मिलावट की जा रही है। गोलगप्पे के पानी का स्वाद बेहतर बनाने के लिए, विक्रेता आसानी से मिलने वाले हाइड्रोक्लोरिक एसिड को मिला रहे हैं।
पहचान कैसे करें
आप जिस जार या कंटेनर में गोलगप्पे का पानी रखा हुआ है, उसे गौर से देखकर मिलावट की पहचान कर सकते हैं। अगर जार का रंग हल्का हो गया है, तो ये मिलावट का संकेत हो सकता है। इसी तरह, अगर गोलगप्पे परोसने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्टील की प्लेट चमकदार नहीं हैं, तो यह पानी में एसिड की मौजूदगी के कारण हो सकता है। इसके अलावा, अगर गोलगप्पे खाते समय आपको अपने दांतों पर हल्की परत महसूस हो, तो यह मिलावट के कारण भी हो सकता है। साथ ही, अगर पानी का स्वाद बहुत खट्टा लगे या गोलगप्पे खाने के बाद पेट में जलन हो, तो यह एसिड की मिलावट का संकेत हो सकता है।
क्या करें
अगर आपको पता चलता है कि गोलगप्पे वाला पानी में हाइड्रोक्लोरिक एसिड इस्तेमाल कर रहा है, तो आप स्थानीय पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं या भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से संपर्क कर सकते हैं। FSSAI भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार है, और आप उनकी वेबसाइट या ऐप के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा, आप सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे विक्रेताओं की फोटो और वीडियो शेयर करके स्थानीय लोगों में जागरूकता बढ़ा सकते हैं। ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करना बहुत ज़रूरी है।