Nuclear War On Earth: दो सालो से जारी रूस-यूक्रेन लड़ाई में नाटो आर्मी की भी एंट्री हो चुकी है और इस बारे में रूसी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन से जारी लड़ाई में अमेरिका एवं फ्रांस के मरीन कमांडो सीधे ही मैदान में उतर गए है। इसके बाद नाटो एयरफोर्स के पायलाटो के सैन्य मिशन की शुरुआत हो सकती है। इससे सीधा अर्थ होता है कि विश्व युद्ध की शुरुआत हो सकती है। रूस के लिए जासूसी का काम करने वाले एक जर्मन सैन्य अफसर ने बताया है कि रूसी परमाणु अटैक को लेकर तैयारियां पूर्ण हो गई है।
अब रूसी प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन भी किसी भी समय पर हाइपरसोनिक मिसाइल द्वारा परमाणु हमले के ऑर्डर दे सकते है। अनुमान लग रहे है कि यदि एटोमिक वार होती है तो 72 मिंटो में ही पृथ्वी पर 5,000 परमाणु ब्लास्ट होने के बाद भारी हानि होगी।
22 मिनट में 5,000 परमाणु हमले
रूसी मिसाइल दागने के 25 मिनट में ही न्यूयॉर्क पहुंचेगी और अनुमानों के अनुसार, यह पहला अटैक ही 16 लाख लोगो को मार डालेगा और 30 लाख के करीब हताहत होंगे। फिर 25वे से 50वे मिनट तक पृथ्वी में एटोमिक वार की शुरुआत हो जायेगी जिसमे यूरोपीय देशों पर रूसी हमले होंगे। इसके बाद अमरीका एवं फ्रांस भी साथ आकर रूस पर अटैक करने लगेंगे।
ऐसे ही यूएस और ब्रिटेन साथ में ही चीन पर परमाणु अटैक करेंगे और वो भी जवाबी हमले करने लगेगा। रूस से गठबंधन करने वाला उत्तरी कोरिया भी यूएस और यूरोपीय देशों पर अटैक की शुरुआत करेगा। ऐसे 50वे से 72वे मिनट तक प्रलयकारी स्थिति होगी। इसका अर्थ हुआ कि सिर्फ 22 मिनट में पृथ्वी पर 5 हजार परमाणु अटैक देखने को मिलेंगे।
100 सालो तक विनाश जारी रहेगा
यदि ‘न्यूक्लियर वार: सिनैरियो’ किताब की माने तो इस हमले में 300 करोड़ से अधिक लोग अपनी जाने गंवा देंगे। आज से 74 हजार वर्षों पूर्व सुमात्रा के जंगलों में एक ज्वालामुखी भयंकर तरीके से फटा था लेकिन अब की घटना इससे भी अधिक खतरनाक होगी। उस समय हुए ज्वालामुखी फटने की घटना ‘तोबा सुपर इरप्शन’ कहलाती है जिसकी तुलना 1 हजार एटम बम के ब्लास्ट से करते है। उस विस्फोट से माहौल में 220 करोड़ टन सल्फर डाई ऑक्साइड आच्छदित हुआ था जिससे धरती भी जमने लगी थी।
अब होने वाले 5 हजार परमाणु हमले में 1,100 करोड़ टन सल्फर डाई ऑक्साइड धरती के माहौल पर छाने वाली है। यह घना धुंआ पृथ्वी पर सूर्य की रोशनी भी नही आने देगा और पृथ्वी पर न्यूक्लियर सर्दियों की शुरुआत होगी। किताब की आशंका है कि ये विनाश का चक्र आने वाले 100 वर्षो तक जारी रहने वाला है। रूस से एटम बम के अटैक को यूरोप ने काफी संजीदगी से लिया है चूंकि जर्मन जासूस ने इस बात की सूचना दी है और जर्मन सिक्योरिटी एजेंसी ने भी जर्मन आर्म्ड फोर्सेज बुंडेसव्हेर के अफसर को अरेस्ट किया जोकि रूस के लिया जासूसी का आरोपी है।
जर्मनी पर परमाणु हमले की खबर
डसेलडर्फ अदालत के अफसर ने अपने बयान को दर्ज करवाया है कि जर्मनी जासूस के अनुसार रूस जल्द ही जर्मनी पर परमाणु बम से अटैक करने वाला है। उसका कहना था कि यूक्रेन की लड़ाई काफी और देशों तक फैल सकती है। रूस ने जासूस की फैमिली को सेफ्टी का आश्वासन देते हुए उसको अपना जासूस नियुक्त किया था। जर्मनी के जासूस की खबर सच होने लगी हा चूंकि रूसी हमलों की शुरुआत यूक्रेन के बाहर भी होने लगी है। 30 अप्रैल के दिन चेक रिपब्लिक के वर्बेटाइस आर्म्ड डिपो में ब्लास्ट हुआ है। चेक एजेंसी ने भी इन ब्लास्ट को करने के पीछे रूसी एजेंटों को कहा है।
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यूरोपियन देश परमाणु हमले को आश्वस्त
यूरोपीय देशों में लड़ाई के फैलने का भय फैल रहा है इसी कारण पोलैंड ने अमेरिका के परमाणु सहयोग प्रोग्राम से जुड़ने के लिए अप्लाई किया है। उनके देश में भी शीघ्र ही अमेरिकी परमाणु हथियारों की तैनाती हो सकती है। साथ ही यूरोपियन संघ ने भी न्यूक्लियर कोपरेशन टीम तैयार की है जिसमे यूरोप के देशों से एंटेलीजेंसी के अफसर होंगे जोकि रूसी परमाणु एक्टिविटी पर निगाहे रख रहे है। यूरोप के देशों की खुफिया एजेंसियों का साफ मानना है कि यूक्रेन की लड़ाई का रिजल्ट परमाणु ब्लास्ट ही होने वाला है और ये काफी हानि देने वाला होगा।