Hot summer in India: अप्रैल महीने में ही बिहार और झारखंड जैसे अन्य राज्यो में भी भयंकर गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। बहुत से प्रदेशों की भीषण गर्मी में नागरिकों का रहना मुश्किल होता जा रहा है। महीना अप्रैल का है किंतु लोगो को जानलेवा लू और 45 डिग्री टेंपरेचर का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को भारत के काफी भागो में भीषण गर्मी रही एवं तापमान भी नॉर्मल से 4 से 6 डिग्री ज्यादा देखने को मिला है। IMD (भारत मौसम विज्ञान विभाग) ने जानकारी दी है कि ओडिशा एवं रायलसीमा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, विदर्थ, छत्तीसगढ़, एमपी एवं आंध्र आदि में मैक्सिमम टेंप्रेचर 42 से 45 डिग्री के मध्य हो सकता है।
इस बार सामान्य से ज्यादा लू के अनुमान
वही उत्तर भारत के प्रमुख राज्य जैसे बिहार, मध्य प्रदेश, यूपी आदि में टेंपरेचर 40 से 42 डिग्री तक रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार इस बार अप्रैल के महीने में भारत के अलग-अलग भागो में 4 से 8 दिनों तक लू चलने के अनुमान है वही आमतौर पर 1 से 3 दिनों तक लू के दिन रहते है। अप्रैल के पूरे माह में नॉर्मल से 4 से 8 दिनों की तुलना में 10 से 20 दिनों तक लू चलने की आशंका है। देशभर में ऐसे 20 स्थान भी है जहां पर 20 दिनों से ज्यादा समय तक लू चलने के अनुमान है। IMD की ही तरह से अन्य एजेंसी भी इसी प्रकार के अनुमान लगा रही है।
मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल में लू आने का ये दूसरा दौर है और पहले दौर के अंतर्गत ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात आदि राज्यों के किन्ही भागो में भीषण गर्मी का प्रकोप दिखेगा। पहले भी विभाग अप्रैल एवं जून माह में भयंकर गर्मी होने का अलर्ट दे चुका है। इस समय पर भारत के काफी हिस्सा में वोटिंग का दौर भी जारी है और पहला मतदान 19 अप्रैल के दिन हुआ है।
इस बार की भीषण गर्मी के कारण
इन सभी बातों के बीच प्रश्न आता है कि आखिर इस साल इतनी गर्मी का प्रकोप क्यों हो रहा है? वैसे तो भारत में अल नीनो की पोजिशन कमजोर हुई है किंतु इसका प्रभाव वैसा ही बाकी है। इसी कारण से देशभर के काफी भागो में गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग की राय में भीषण गर्मी नीचे के स्तर पर शुष्क पश्चिम की हवाओ सहित ठोस सोलर आइसोलेशन की वजह से हो रही है। सरल रूप से बताए तो अल नीनो, वैसा असर है जिसके कारण टेंपरेचर बढ़ने में लगा है। मौसम विभाग के अनुसार, जिस समय पर मध्य एवं पूर्वी प्रशांत समुद्र के टेंप्रेचर नॉर्मल से जायदा होता है तो अल नीनो का प्रभाव देखने को मिलता है।
यह भी पढ़े:-इस राज्य में मिलता है सबसे ज्यादा हेल्थ इंश्योरेंस, हो जाता है महंगे से महंगा इलाज
वैज्ञानिक ने ज्यादा गर्मी के कारण बताए
भारत के मौसम विभाग के वैज्ञानिक महेश पहलावत कहते है कि इस समय पर देश के काफी प्रदेशों में भीषण गर्मी का प्रकोप होने के काफी कारण है। सबसे पहले तो उत्तरी-पश्चिम भागो गर्म हवाओं का चलना जारी है जोकि माहौल को एकदम शुष्क करने का काम कर रही है। इसके अलावा सीईओ 2 मतलब प्रदूषण में भी वृद्धि हुई है, दूसरे वैश्विक तापमान में वृद्धि एवं तेज गति से पेड़ो के कटान ने भी गर्मी को बढ़ाने का काम किया है। बड़ी इमारतों के निर्माण आदि से भी मौसम में निरंतर परिवर्तन देखने को मिल रहा है जिससे भयंकर गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। अब भूमिगत पानी भी कम होता जा रहा है जिसकी मुख्य वजह भयंकर गर्मी है।