Property Rights: नाना की संपत्ति में मां को कितना हिस्सा मिलेगा, जानें कैसे ले अपना हक

जब बेटियाँ अपनी संपत्ति में हिस्सा मांगती हैं, तो उनके भाई इसे देने में हिचकिचाते हैं। आपके मामले में भी आपके मामा आपकी माँ को नाना की संपत्ति में हिस्सा देने से मना कर रहे हैं। ऐसे में हमें क्या करना चाहिए? आज हम पिता की संपत्ति में बेटी के…

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Reported by Atul Kumar

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यह सच है कि माता-पिता की संपत्ति में बेटियों का भी उतना ही अधिकार है जितना कि बेटों का। 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद, बेटियों को पैतृक और स्वयं अर्जित दोनों प्रकार की संपत्ति में समान हिस्सा दिया गया है।

लेकिन, व्यवहार में यह देखने को मिलता है कि जब बेटियाँ अपनी संपत्ति में हिस्सा मांगती हैं, तो उनके भाई इसे देने में हिचकिचाते हैं। आपके मामले में भी आपके मामा आपकी माँ को नाना की संपत्ति में हिस्सा देने से मना कर रहे हैं। ऐसे में हमें क्या करना चाहिए? आज हम पिता की संपत्ति में बेटी के अधिकार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपको बताने जा रहें हैं।

नाना की संपत्ति में मां का हिस्सा

हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अनुसार, नाना की संपत्ति में मां का हिस्सा कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें शामिल हैं:

  • नाना का निधन कब हुआ: यदि नाना का निधन 9 सितंबर 2005 से पहले हुआ, तो मां को नाना की संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं मिलेगा। यदि नाना का निधन 9 सितंबर 2005 या उसके बाद हुआ, तो मां को नाना की संपत्ति में बराबर हिस्सा मिलेगा।
  • नाना की संपत्ति का प्रकार: यदि नाना की संपत्ति पैतृक संपत्ति है, तो मां को उसमें कोई हिस्सा नहीं मिलेगा। यदि नाना की संपत्ति स्व-अर्जित संपत्ति है, तो मां को उसमें बराबर हिस्सा मिलेगा।
  • माता-पिता का विवाह: यदि मां और पिता का विवाह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत हुआ है, तो मां को नाना की संपत्ति में बराबर हिस्सा मिलेगा। यदि मां और पिता का विवाह हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत नहीं हुआ है, तो मां को नाना की संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं मिलेगा।
  • माता-पिता का जीवित रहना: यदि मां जीवित नहीं है, तो उसकी संतान (बेटा या बेटी) नाना की संपत्ति में मां का हिस्सा प्राप्त कर सकते हैं।

मां अपना हक कैसे प्राप्त कर सकती है?

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मां नाना की संपत्ति में अपना हिस्सा प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकती है:

  • मातृवंशीय संपत्ति: यदि नाना की संपत्ति मातृवंशीय संपत्ति है, तो मां को उसमें स्वामित्व का अधिकार होगा।
  • पैतृक संपत्ति: यदि नाना की संपत्ति पैतृक संपत्ति है, तो मां को उसमें कोई हिस्सा नहीं मिलेगा।
  • स्व-अर्जित संपत्ति: यदि नाना की संपत्ति स्व-अर्जित संपत्ति है, तो मां को उसमें बराबर हिस्सा मिलेगा।
  • विरासत: यदि नाना ने मां को अपनी संपत्ति का उत्तराधिकारी बनाया है, तो मां को नाना की संपत्ति में हिस्सा मिलेगा।
  • न्यायालय: यदि मां को नाना की संपत्ति में अपना हिस्सा नहीं मिल पा रहा है, तो वह न्यायालय में याचिका दायर कर सकती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यदि आप नाना की संपत्ति में अपने हिस्से के बारे में जानना चाहते हैं, तो आपको एक वकील से परामर्श करना चाहिए।

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  • नाना की संपत्ति में बेटी का हिस्सा
  • नाना की संपत्ति में माता-पिता का हिस्सा
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यह जानकारी उन सभी लोगों के लिए उपयोगी है जो नाना की संपत्ति में अपने हिस्से के बारे में जानना चाहते हैं। यह भी देखना होगा कि भविष्य में इस विषय में कोई बदलाव होता है या नहीं।

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