दोस्तों आपने देखा होगा कि सरकारें हजारों करोड़ रुपये की योजनाओं का ऐलान करती हैं। स्वाभाविक रूप से, आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि ये करोड़ों रुपये कहां से आते हैं? इसका जवाब है टैक्स।
टैक्स सरकार का सबसे महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत है। यह जनता द्वारा सरकार को भुगतान किया जाता है, जो विभिन्न योजनाओं और कार्यों को चलाने के लिए उपयोग किया जाता है।
कितने तरह के टैक्स वसूलती है सरकार?
सरकार दो तरह के टैक्स वसूलती है:
- प्रत्यक्ष टैक्स: यह टैक्स सीधे तौर पर लोगों से वसूला जाता है। इसमें शामिल हैं:
- आयकर: यह टैक्स व्यक्तियों और कंपनियों द्वारा अर्जित आय पर लगाया जाता है।
- वेतन कर: यह टैक्स वेतनभोगी व्यक्तियों से उनके वेतन पर लगाया जाता है।
- कॉर्पोरेट टैक्स: यह टैक्स कंपनियों द्वारा अर्जित लाभ पर लगाया जाता है।
- संपत्ति कर: यह टैक्स संपत्ति के मूल्य पर लगाया जाता है।
- अप्रत्यक्ष टैक्स: यह टैक्स वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है। इसमें शामिल हैं:
- जीएसटी: यह टैक्स वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है।
- उत्पाद शुल्क: यह टैक्स कुछ विशिष्ट वस्तुओं पर लगाया जाता है, जैसे कि पेट्रोल, डीजल, सिगरेट, और शराब।
- सीमा शुल्क: यह टैक्स आयातित वस्तुओं पर लगाया जाता है।
इसके अलावा, सरकार कुछ अन्य शुल्क भी वसूलती है, जैसे कि:
- स्टांप ड्यूटी: यह शुल्क संपत्ति के हस्तांतरण पर लगाया जाता है।
- पंजीकरण शुल्क: यह शुल्क वाहनों और अन्य वस्तुओं के पंजीकरण पर लगाया जाता है।
- चलान: यह शुल्क कानून तोड़ने पर लगाया जाता है।
राजस्व में कितनी होती है टैक्स की भूमिका
सरकार की कुल कमाई में टैक्स का योगदान 60-70% तक होता है, जो कि बहुत बड़ा हिस्सा है। बाकी के 30% पैसे विभिन्न स्रोतों से आते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:
1. शुल्क:
- बिजली-पानी का बिल: जब आप बिजली-पानी का बिल भरते हैं, तो उसमें सरचार्ज और बिजली शुल्क शामिल होता है। यह पैसा सरकार के खजाने में जाता है।
- लाइसेंस वितरण: सरकार विभिन्न प्रकार के लाइसेंस जारी करती है, जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस, व्यापार लाइसेंस, और शराब लाइसेंस। इन लाइसेंसों से भी सरकार को राजस्व प्राप्त होता है।
- पासपोर्ट-वीजा: जब आप पासपोर्ट या वीजा के लिए आवेदन करते हैं, तो आपको शुल्क का भुगतान करना होता है। यह शुल्क भी सरकार के खजाने में जाता है।
2. जुर्माना:
- ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन: जब आप ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो आपको जुर्माना भरना पड़ता है। यह जुर्माना भी सरकार के खजाने में जाता है।
- आयकर: यदि आप आयकर नहीं देते हैं, तो आपको जुर्माना भरना पड़ता है। यह जुर्माना भी सरकार के खजाने में जाता है।
3. सरकारी उद्यमों से लाभ:
- सरकार कई उद्यमों का संचालन करती है, जैसे कि रेलवे, बैंक, और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां। इन उद्यमों से होने वाला लाभ सरकार के खजाने में जाता है।
4. ऋण:
- सरकार कभी-कभी अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण लेती है। यह ऋण सरकार के खजाने में जाता है।
5. विदेशी सहायता:
- कुछ मामलों में, सरकार विदेशी सहायता भी प्राप्त करती है। यह सहायता सरकार के खजाने में जाती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सरकार के राजस्व के स्रोत समय-समय पर बदलते रहते हैं। नवीनतम जानकारी के लिए, आपको सरकार की वेबसाइट या किसी वित्तीय विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए.
क्या कहते हैं आंकड़े?
वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्रीय बजट में कुल कर राजस्व 22.17 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था। लेकिन, अनुमान से अधिक 27.07 लाख करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ। यह बजट अनुमान से लगभग 5 लाख करोड़ रुपये ज्यादा था और पिछले साल के 20.27 लाख करोड़ रुपये के राजस्व संग्रह की तुलना में 34% ज्यादा था।
यह आंकड़ा दर्शाता है कि सरकार का खजाना टैक्स से आने वाले पैसे से भर रहा है और यह संग्रह लगातार बढ़ रहा है। यह वृद्धि सरकार के लिए आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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