विटामिन डी (Vitamin D) एक आवश्यक पोषक तत्व है जो शरीर को कई तरह से स्वस्थ रहने में मदद करता है। इसे धूप, कुछ खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स से लिया जा सकता है। इसकी कमी से हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। हालांकि इसे ज्यादा मात्रा में लेना भी खतरनाक है। ब्रिटेन में एक 89 वर्षीय व्यक्ति डेविड मिचेनर की मौत अधिक मात्रा विटामिन डी लेने से हुई है।
बीबीसी की रिपोर्ट (Ref) के अनुसार, मिचेनर कम से कम नौ महीनों से विटामिन डी सप्लीमेंट्स ले रहे थे। उनकी मृत्यु से पहले, एक टेस्ट में उनके विटामिन डी का लेवल 380 (बहुत ज्यादा) पाया गया था। जांच में यह निष्कर्ष निकाला गया कि मिचेनर की मृत्यु विटामिन डी विषाक्तता, हाइपरकैल्सीमिया और हार्ट और किडनी के डैमेज होने की वजह से हुई।
कई बार शरीर को स्वस्थ रखने वाला यह पोषक तत्व दुश्मन भी बन जाता है। चलिए जानते हैं कि विटामिन डी क्यों और कितनी मात्रा में जरूरी है, इसकी कमी और ज्यादा मात्रा में लेने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
विटामिन डी क्यों जरूरी है?
विटामिन डी शरीर के भीतर कैल्शियम और फॉस्फेट के स्तर को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो स्वस्थ हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। विटामिन डी की कमी बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में ऑस्टियोमलेशिया से होने वाले हड्डियों में दर्द जैसी हड्डी संबंधी असामान्यताओं का कारण बन सकती है।
विटामिन डी के नुकसान क्या हैं?
विटामिन डी सप्लीमेंट्स के लंबे समय तक अत्यधिक सेवन से हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है, जहां शरीर में अत्यधिक कैल्शियम जमा हो जाता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और किडनी और हृदय को नुकसान पहुंचता है।
इसे भी जानें : आयुर्वेद के जानकार कहते हैं, फल और दूध का शेक पीना सेहत के लिए नहीं है फायदेमंद, समझें इसकी वजह
रोजाना कितनी विटामिन डी की जरूरत
- NHS ने अपनी वेबसाइट (Ref) पर बताया कि अधिकांश लोगों के लिए, विटामिन डी का दैनिक सेवन 10 माइक्रोग्राम पर्याप्त होता है।
- वयस्कों, गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और 11 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों सहित 100 माइक्रोग्राम (4,000 आईयू) प्रति दिन से अधिक नहीं लेने की सलाह दी जाती है।
- 1 से 10 साल के बच्चों को प्रतिदिन 50 माइक्रोग्राम (2,000 आईयू) से अधिक नहीं लेना चाहिए
- 12 महीने से कम उम्र के शिशुओं को 25 माइक्रोग्राम (1,000 आईयू) प्रति दिन से अधिक नहीं लेना चाहिए।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियों में विटामिन डी के कम सेवन की आवश्यकता हो सकती है, इसलिए यदि अनिश्चित हों तो डॉक्टर से सलाह लें।
विटामिन डी से हाइपरकैल्सीमिया का खतरा
यदि किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर ने आपको विटामिन डी की अलग खुराक दी है, तो उनके निर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, विटामिन डी सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन कुछ मामलों में विषाक्तता पैदा कर सकता है। इससे हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है, जो रक्तप्रवाह में कैल्शियम का अत्यधिक निर्माण होता है, जिससे धमनियों या कोमल ऊतकों में जमाव हो सकता है और गुर्दे की पथरी का खतरा बढ़ सकता है।
इस बात का रखें खास ध्यान
विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेते समय संयम रखने पर जोर दिया गया है। यह सलाह दी जाती है कि 4,000 आईयू प्रति दिन से अधिक न लें, सिवाय इसके कि स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा विशेष रूप से सिफारिश की गई हो, क्योंकि इसे सुरक्षित ऊपरी सीमा माना जाता है। अधिकांश लोगों के लिए, सप्लीमेंट्स के माध्यम से 600 से 800 आईयू विटामिन डी का दैनिक सेवन पर्याप्त होता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
Wow Thanks for this blog post i find it hard to get good quality knowledge out there when it comes to this content appreciate for the site