कहते हैं कि प्रेग्नेंसी में औरतों को अपना बहुत ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। इस समय उनकी हर एक छोटी चीज बच्चे को प्रभावित करती है। इस दौरान गर्भवती महिला को दुख, स्ट्रेस और नकारात्मक विचारों एवं लड़ाई-झगड़ों से दूर रहने की सलाह दी जाती है लेकिन अगर प्रेगनेंट पत्नी और पति के बीच ही लड़ाई होने लगे, तो क्या बच्चे पर इसका बुरा असर पड़ता है?
डॉक्टर रीमा रंका ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर कर के बताया है कि गर्भवती पत्नी और पति के बीच लड़ाई या झगड़ा होने पर बच्चे पर क्या असर पड़ता है। अगर आप भी गर्भवती हैं और अक्सर आपको भी जल्दी गुस्सा आ जाता है या आपकी अपने पति से अनबन होती रहती है, तो आप आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
शिशु पर पड़ता है असर
डॉक्टर रीमा ने बताया कि प्रेग्नेंसी में पति के साथ झगड़े का असर शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। लड़ाई से एंग्जायटी और डिप्रेशन होता है जो बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। प्रेग्नेंसी में बहस करने से बच्चे के मस्तिष्क से लेकर इम्यून सिस्टम तक पर असर पड़ता है। आगे जानिए कि इसका बच्चे पर क्या-क्या असर पड़ता है।
मस्तिष्क का विकास होता है प्रभावित
प्रेग्नेंसी में चिल्लाना कम चाहिए। गुस्से से बच्चे के मस्तिष्क का विकास बाधित हो सकता है। यह न सिर्फ बच्चे के आईक्यू को प्रभावित करत है बल्कि आगे चलकर भावनाओं को मैनेज करने की उसकी क्षमता पर भी असर डालता है। प्रेग्नेंसी में मां के बहुत ज्यादा स्ट्रेस लेने से बच्चे को एंग्जायटी का खतरा रहता है।
शरीर में कोई कमी आ सकती है
लड़ाई के दौरान शारीरिक रूप से उत्पीड़न बच्चे को आहत कर सकता है। इससे पेट में ही बच्चे के मरने का ज्यादा खतरा रहता है। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में शारीरिक हिंसा से लो बर्थ वेट, शरीर में चोट लगाना और ब्लीडिंग तक की शिकायत हो सकती है। जितना हो सके आप प्रेग्नेंसी में शांत और प्यारभरे माहौल में रहने की कोशिश करें। यह मां और बच्चे दोनों के लिए जरूरी है।
इम्यूनिटी रहती है कम
प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस बढ़ने से या झगड़े की वजह से बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है और इससे उसे आगे चलकर बीमारियां और स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा रहता है। शिशु के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत आवश्यक है वरना इससे उसके विकास में बाधा आ सकती है, उसका शरीर कमजोर रह सकता है और वह बहुत जल्दी बीमारियों एवं संक्रमणों की चपेट में आ सकता है।