University Grants Commission: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स (एचईआई) को उन स्टूडेंट्स की फीस वापस करने का निर्देश दिया है जो अलग अलग संस्थानों में ट्रांस्फर हो गए हैं. आयोग ने पहले संस्थानों से अनुरोध किया था कि वे अपने द्वारा चुने गए करिकुलम सेलेक्ट करने के लिए एक तय अवधि के भीतर कॉलेज की पूरी फीस वापस करने की अनुमति दें.
इसमें दोहराया गया है कि यूजीसी फीस रिफंड की पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान (एचईआई) को ‘दंडात्मक कार्रवाई’ का सामना करना पड़ेगा.
यूजीसी स्टूडेंट्स की शिकायतों का निवारण विनियमन 2023 के मुताबिक, “आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए दिशानिर्देशों के अधीन, प्रॉस्पेक्टस में दिए गए समय के भीतर एडमिशन वापस लेने वाले स्टूडेंट्स की फीस वापसी में देरी या इनकार किया जाता है.”
यूजीसी को कई कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के खिलाफ एडमिशन रद्द करने या वापस लेने पर फीस वापस न करने पर स्टूडेंट्स और अभिभावकों से कई अभ्यावेदन प्राप्त होने के बाद नोटिस जारी किया गया था.
नोटिफिकेशन में कहा गया है, “नोटिफिकेशन / दिशानिर्देश सभी यूनिवर्सिटी द्वारा प्रस्तावित अंडरग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और रिसर्च प्रोग्राम पर लागू होते हैं.”
इसमें कहा गया है, “यूजीसी ने सभी एचईएल को मेल और रिमाइंडर के माध्यम से उन स्टूडेंट्स से प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, जो उन छात्रों के अन्य संस्थानों में ट्रांस्फर होने के बाद संस्थानों को भुगतान की गई फीस की वापसी की मांग कर रहे हैं.”
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क्या हैं फीस वापसी के स्लैब
फीस वापसी के लिए पांच स्लैब बनाए गए हैं. नियम के तहत एडमिशन की औपचारिक घोषणा के 15 दिन के भीतर सीट छोड़ने पर 100 फीसदी, आखिरी तारीख से 15 दिन पहले सीट छोड़ने पर 90 फीसदी, इसके 15 दिन बाद 80 फीसदी और 30 दिन या उससे दाखिले की आखिरी तारीख से 15 दिन से ज्यादा होने पर 50 फीसदी और 30 दिन के बाद कोई फीस वापस नही करने का प्रावधान है.