Sam Pitroda’s Racist Comments: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस प्रेसिडेंट सैम पित्रोदा की तरफ से विरासत कर के बाद अब एक अन्य विवाद पैदा करने वाली बात आई है। पित्रोदा अपने नए वीडियो में भारत के विभिन्न भागों में निवास करने वाले लोगो पर आपत्ति जनक तरीके से तुलना करने के प्रयास कर रहे है।
वीडियो को सुनने पर पता चलता है कि सैम कह रहे है कि भारत एक काफी विविधतापूर्ण राष्ट्र है जिसमे पूर्वी भाग के निवासी चीनी लोगो जैसे, पश्चिम के निवासी अरब जैसे, उत्तर भारत के निवासी स्वेतो जैसे एवं दक्षिण के निवासी अफ्रीकन जैसे नजर आते है। किंतु इन सभी बातों के बाद भी हम सब भाई-बहनों जैसे है।
मेरा मन गुस्से से भर गया – पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी के अनुसार वो आज काफी गुस्से में है और लोग उनको गाली देते है तो वो सहन कर लेते है किंतु अब शहजाते के फिलोशोफर अंकल सैम ने इतनी बड़ी गाली दी है कि मेरा मन गुस्से से भर गया है। मोदी के मुताबिक क्या हमारे देश में रंग को देखकर लोगो की योग्यताएं निश्चित होने वाली है। चमड़ी के रंग के खेल का अधिकार शहजादे को किसने दे दिया। संविधान सिर के ऊपर रखकर नाचने वाले लोगो ने मेरे देश का अपमान किया है।
अमेरिका के विरासत कर की बात की
पित्रोदा के अनुसार हम सभी विभिन्न भाषाओं, धर्मों एवं रीतियों को इज्जत देते है। ये वो भारत है जिसके ऊपर मेरा विश्वास है, जिसमे सभी को इज्जत मिलती है एवं प्रत्येक थोड़ा बहुत समझौता करता है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी का कहना था कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वे सर्वे करवाकर लोगो की प्रॉपर्टी का पता लगाएंगे।
राहुल की बातो पर जिस समय सैम से प्रश्न हुए तो वो अमेरिका के विरासत कर की बाते करने लगे थे। सैम का कहना था कि अमेरिका नागरिकों पर विरासत कर लगाता है। यदि किसी व्यक्ति के पास 10 करोड़ डॉलर की प्रॉपर्टी हो तो उसकी मृत्यु होने पर 45% प्रॉपर्टी को उनके बच्चों को दिया जाएगा वही 55% प्रॉपर्टी सरकार अपने अधिकार में ले लेगी।
भारत में ऐसे कानून की कमी
सैम के मुताबिक ये काफी रोचक कानून है जिसके अनुसार किसी के जीवनभर काफी प्रॉपर्टी बनाने के बाद भी मौत होने पर उसकी प्रॉपर्टी जनता को चली जाती है। पूरी के बजाए आधी प्रॉपर्टी ये मुझको ठीक लगता है। किंतु भारत में इस प्रकार का कानून नही है और यहां पर किसी के पास 10 करोड़ प्रॉपर्टी होने पर मौत के बाद पूरी तरह से बच्चो को चली जाती है। यहां जनता के लिए कुछ नहीं बच पाता है।
मेरे विचार में इस प्रकार के मामले पर लोगो को वार्ता करनी चाहिए। मैं नहीं जानता कि ऐसे वार्ता का निष्कर्ष क्या आएगा और हम नई पॉलिसी एवं प्रोग्राम पर बाते करते है। जोकि आम नागरिकों के भले में होगी न कि सिर्फ कुछ धनी लोगो के हित में।
कौन हैं सैम पित्रोदा?
दरअसल सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है और वो टेलीकॉम इन्वेंटर एवं एंटरप्रेन्योर के तरह से जाने जाते है। सैम करीबन 50 वर्षो से टेलीकॉम एंड कम्युनिकेशन तकनीकी को लेकर कार्यरत है। सैम का जन्म 1942 में ओडिशा के तितिलागढ़ में रहने वाले गुजराती परिवार में हुआ है और वो अपने 7 भाई-बहनों में तीसरे स्थान पर आते है।
सैम ने गुजरात के बोर्डिंग स्कूल में शिक्षित होकर वडोदरा के महाराज सयाजीराव विश्विद्यालय से भौतकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इससे आगे की शिक्षा उन्होंने अमेरिका से ली और 1964 में शिकागो के एलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से भौतिकी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।
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काफी सारे पेटेंट सबमिट कर चुके सैम
अपनी शिक्षा पूर्ण करके सैम ने 1965 में टेलीकॉम उद्योग में काम करना शुरू किया और 1975 में इलेक्ट्रॉनिक्स डायरी को बनाया। यह सैम का पहला पेटेंट रहा था और वो अपने कार्यकाल में काफी और पेटेंट भी पा चुके है। वे मोबाइल फोन आधारित ट्रांजैक्शन तकनीकी का पेटेंट भी सबमिट कर चुके है।