कर्नाटक में मुस्लिमो के OBC कोटे पर सियासत जारी, 29 साल पहले इस तरह मिला था आरक्षण

Karnataka Muslim Reservation: पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक राज्य में OBC की लिस्ट में मुस्लिम वर्ग को जगह देने को लेकर कांग्रेसी नेतृत्व की सिद्धरमैया सरकार के इस निर्णय की आलोचना की है। रिकॉर्ड्स को देखने पर पता चलता है कि ये रिजर्वेशन साल 1995 में प्रथम बार एचडी देवगौड़ा…

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Reported by Atul Kumar

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Karnataka Muslim Reservation: पीएम नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक राज्य में OBC की लिस्ट में मुस्लिम वर्ग को जगह देने को लेकर कांग्रेसी नेतृत्व की सिद्धरमैया सरकार के इस निर्णय की आलोचना की है। रिकॉर्ड्स को देखने पर पता चलता है कि ये रिजर्वेशन साल 1995 में प्रथम बार एचडी देवगौड़ा के जनता दल ने में किया था। यहां खास बात ये है कि उन्ही देवगौड़ा की जद (एस) पार्टी इस समय पर भाजपा के नेतृत्व में NDA के सहयोग में है।

पीएम मोदी अपनी एमपी के रैली के दौरान कांग्रेस पार्टी को ओबीसी वर्ग का सबसे बड़ा शत्रु तक कह चुके है। पीएम के अनुसार एक मर्तबा दुबारा कांग्रेस ने पीछे के दरवाए से OBC के साथ सभी मुसलमान जातियों को सम्मिलित करवाकर धर्म के अनुसार रिजर्वेशन देने का काम किया है। यह काम OBC वर्ग ओ रिजर्वेशन में एक अहम भाग से दूर रखने का काम करता है।

सीएम सिद्धरमैया ने झूठी बात बताया

इस मामले के ज्यादा बढ़ने के बाद कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने भी बयाना दिया कि ये दावे करना कि कांग्रेस पार्टी ने पिछड़ा वर्ग का आरक्षण मुस्लिमो को हस्तांतरित करा है, एक स्पष्ट झूठी बात है। वे ये भी प्रश्न उठाते है कि क्या पूर्व पीएम देवगौड़ा तो इस समय पर मुस्लिमो को दिए गए आरक्षण के फैसले पर खड़े है अथवा उन्होंने मोदी के समक्ष समर्पण कर चुके है।

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सिद्धरमैया का कहना है कि क्या एक समय पर मुस्लिमो के लिए कोटे के दावे करने वाले देवगौड़ा इस समय पर अपने निर्णय पर खड़े है? अथवा वे अपने पुराने वाले रुख को बदलते हुए आत्मसमर्पण करने वाले है? उनको ये बात प्रदेश की जनता को साफ करनी चाहिए।

1995 में मुस्लिम वर्ग को OBC में जगह मिली

साल 1995 में कर्नाटक में देवगौड़ा की सरकार ने मुस्लिमो को OBC आरक्षण के अंदर एक खास वर्गीकरण देने का काम किया था। 2B के अंतर्गत 4% रिजर्वेशन मुस्लिमो को देने का काम हुआ था। प्रदेश सरकार ने 1995 की 14 फरवरी को एक निर्णय में बताया था कि इस फैसले को चिन्नापा रेड्डी कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार लिया है एवं न्यायालय के रिजर्वेशन को 50% की लिमिट तक रखने के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को माना गया है। रेड्डी कमीशन ने मुस्लिमो को OBC की लिस्ट के अंतर्गत कैटेगरी 2 में जगह देने की सिफारिशें की थी।

मुस्लिमो को बनाया “अधिक पिछड़े” वर्ग

पहली बार विराप्पा मोइली के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार की तरफ से इस मामले पर साल 1994 की 20 एवं 25 अप्रैल के दिन एक आदेश जारी हुआ। इस आदेश के अंतर्गत प्रदेश के मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई आदि धर्मो में गए एससी वर्ग को “अधिक पिछड़े” की तरह से नई कैटेगरी 2B के अंतर्गत 6% रिजरेशन देने का फैसला हुआ। यहां पर 4% रिजर्वेशन मुस्लिम वर्ग को, 2% बौद्ध एवं SC वर्ग को दिया गया जोकि ईसाई बन चुके थे। 24 अक्टूबर को यह रिजर्वेशन मान्य होता किंतु इसको उच्चतम न्यायालय में भी चुनौती देने का काम हुआ।

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देवगौड़ा सरकार में आरक्षण मिल सका

इसी साल 4 सितंबर को एक अंतरिम आदेश आया जोकि प्रदेश सरकार को एससी, एसटी एवं OBC को 50% ही रिजर्वेशन रखने का निर्देश देता था। कांग्रेस सरकार पर राजनैतिक संकट आया और फैसला देने से पूर्व ही सरकार 11 सितंबर में गिर गई। 14 फरवरी 1995 में सीएम बनने के बाद एचडी देवगौड़ा ने आरक्षण को उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेशानुसार संशोधित करके मान्य कर दिया।

ईसाई और बौद्ध बैंक चुके एससी वर्ग के 2B में आने वाले लोगो को 1 एवं 2ए की नई कैटेगरी में जगह दी गई। किंतु 2B आरक्षण के अंतर्गत शिक्षा के संस्थानों एवं प्रदेश की सरकारी नौकरी में 4% सीटो पर मुस्लिम वर्ग को रिजर्वेशन मिला।

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