पीएम मोदी को चुनावो में 6 वर्षो तक बैन करने की याचिका HC ने खारिज की

Ban on PM Modi: अधिवक्ता आनंद एस जोंधले की तरफ से दाखिल हुई याचिका में पीएम मोदी को आने वाले 6 वर्षो के लिए इलेक्शन में खड़े होने से अयोग्य करार देने की डिमांड की गई थी। आनंद अपनी याचिका में कहते थे कि पीएम मोदी ने यूपी के पीलीभीत…

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Reported by Atul Kumar

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Ban on PM Modi: अधिवक्ता आनंद एस जोंधले की तरफ से दाखिल हुई याचिका में पीएम मोदी को आने वाले 6 वर्षो के लिए इलेक्शन में खड़े होने से अयोग्य करार देने की डिमांड की गई थी। आनंद अपनी याचिका में कहते थे कि पीएम मोदी ने यूपी के पीलीभीत में 6 अप्रैल को एक चुनावी रैली में हिंदुओं के देवताओं एवं सिख गुरुओं का उल्लेख किया था।

इस याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने की बात कहकर पीएम मोदी पर 6 वर्षो तक चुनावो में खड़े होने का बैन लगाने की डिमांड को अस्वीकृत किया है। याची की तरफ से पीएम मोदी की यूपी वाली रैली में अचार संहिता को तोड़ने के आरोप लगे थे। इस तरह से अधिवक्ता आनंद एस जोंधले के द्वारा इस याचिका के माध्यम से पीएम मोदी को 6 वर्षो के टाइमपीरियड के लिए चुनावो से अयोग्य करने की डिमांड हुई थी।

याची पहले ही मान चुका है – SC

इस याचिका के उत्तर में न्यानायमूर्ति सचिन दत्ता की एकल बेंच का कहना था कि याची “पहले ही मान चुका है” कि आदर्श आचार संहिता को तोड़ा गया है। उच्चतम न्यायालय किसी भी कंपलेंट को लेकर खास दृष्टिकोण अपनाने को लेकर इलेक्शन कमीशन को गाइडलाइन जारी नहीं कर सकेगा। कोर्ट का कहना है कि याची पूर्व में ही इलेक्शन कमीशन से कांटेक्ट कर चुका है एवं कमीशन भी इसकी कंप्लेंट पर आजादी से सोच सकता है। इलेक्शन कमीशन की तरफ से आए एडवोकेट सिद्धांत कुमार का पक्ष था कि कंपेंट को संज्ञान में लेकर कार्यवाही होगी एवं इस बारे में आवश्यक ऑर्डर भी दिए जाने है।

यूपी की रैली में धर्म से जुड़े बयान दिए

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पीएम मोदी को लेकर याचिका में कहा गया है कि उन्होंने यूपी के पीलीभीत में 6 अप्रैल की रैली में बीजेपी प्रत्याशी जितिन प्रसाद को लेकर कहा था कि उन लोगो ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को स्वीकार न करके रामलला को अपमानित किया है। इस कार्यक्रम में सम्मिलित हो रहे दल के लोगो को भी 6 वर्षो तक सस्पेंड भी किया है। ईडी गठबंधन में सम्मिलित दलों ने हर समय अयोध्या के राम मंदिर को लेकर नफरत ही रखी है। ये लोग “शक्ति” के खात्मे का निर्णय का चुके है।

यहां पर प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की बता का भी उल्लेख करके बताया था कि आज देशभर में जो शक्ति पूजी जा रही है उसी को कांग्रेस ने अपमानित किया है। अब कोई शक्ति का भक्त इसको माफी नहीं देगा। भारत जोड़ा यात्रा के पूरी होने के अवसर पर इसी साल 17 मार्च के दिन मुंबई में स्थित शिवाजी पार्क में कांग्रेस की रैली हुई थी।

राहुल गांधी ने “शक्ति” की बात की थी

इस रैली के दौरान ही राहुल गांधी ने कहत था कि हिंदू धर्म में शक्ति शब्द होता है और हम शक्ति से लड़ाई कर रहे है। एक शक्ति से लड़ रहे है, फिर प्रश्न आता है कि वह शक्ति कौन सी है? जैसे कोई कहता है कि राजा की आत्मा EVM में है, सही है, सही है। राजा की आत्मा EVM में है। भारत की प्रत्येक संस्था में है, ED में है, CBI में है, आयकर विभाग में है।

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पीएम पर इन नियमो के आरोप

याचिकाकर्ता आनंद एस जोंधले की तरफ से इस याचिका में उल्लेख था कि उसी रैली में पीएम का दावा है कि राम मंदिर को उन्होंने बनवाया है। उनके ये भी दावे थे कि उन्होंने करतारपुर कोरिडोर को विकसित किया एवं लंगर में प्रयोग हो रही चीजों पर भी GST हटाया है। पीएम मोदी ने अफगानिस्तान से गुरुग्रंथ साहिब को सुरक्षा के साथ भारत में लाने के दावे भी कहे थे। ऐसे मोदी नियम सामान्य आचरण-1(1) एवं (3) के अंतर्गत निर्देशों के भाग-III में वर्णित आचार संहिता को तोड़ते है।

6 वर्षो के चुनावी बैन की मांग की

याची का कहना था कि पीएम मोदी ने साफ तौर पर इस रैली के भाषण में आदर्श आचार संहिता को तोड़ा है। इस मामले में भारतीय दण्ड संहिता के सेक्शन 153A के अंतर्गत अपराध सिद्ध होता है। इस प्रकार से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अंतर्गत योग्य न ठहराने की व्यवस्था है। अधिवक्ता ने अदालत को इसी धारा के अंतर्गत पीएम के 6 वर्षो तक चुनावो के योग्य न होने के ऑर्डर की डिमांड की थी।

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