8th Pay Commission: 8वे वेतन आयोग को लेकर देश के विभिन्न भागों में आंदोलन देखे गए है जिनकी स्पष्ट डिमांड है कि सरकार को अपनी बात साफ तरीके से रखनी होगी। वही जानकारों की राय में कर्मचारी थोड़े से धैर्य का परिचय दें चूंकि इस मामले में सरकार कुछ नहीं कह पाएगी। यह भी जाने कि इसको लेकर योजना बनाने में समय लगेगा किंतु अभी उम्मीद खत्म नहीं हुई है। खबर है कि सरकार इस बात को लेकर लोकसभा इलेक्शन हो जाने पर बात करेगी।
इस खबर के मायने यह है कि नए वेतन कमीशन का गठन होगा और वेतन में वृद्धि को महंगाई भत्ते सहित किया जाएगा। किंतु वेतन में संशोधन 8वे वेतन कमीशन के समय ही होगा। ध्यान दे कि साल 2024 में आने वाले 8वे वेतन आयोग में हो रही वृद्धि बड़ी ही होगी।
8वां वेतन आयोग कब लागू होगा
आ रही खबर के अनुसार वर्ष 2024 के लोकसभा इलेक्शन होने पर नए वेतन आयोग पर कुछ वार्ता हो सकती है। किंतु इस बात का आगे बढ़ना लगभग निश्चित है और इसी दौरान कर्मचारियों की यूनियन एवं संगठनों के आंदोलन भी गति पकड़ रहे है। ये लोग देश भर में आंदोलन करने की भी तैयारी में दिख रहे है। इसकी झलक बंगाल में हुए उपद्रव में देखने को मिली है। वैसे सरकारी मशीनरी के मुताबिक अभी 8वे वेतन आयोग में कोई प्रपोजल नहीं आया है।
इस मामले पर संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भी स्पष्ट कर चुके है किंतु सरकारी विभागों के सूत्रों की राय में अभी वेतन कमीशन के गठित होने का समय नहीं आया है। अभी वर्ष 2024 में इसको लेकर डेडलाइन आने वाली है और लोकसभा के इलेक्शन हो जाने के बाद नई सरकार बनने पर इसको लेकर निर्णय हो पाएगा।
नया सैलरी स्ट्रक्चर कब आएगा?
यदि 8वे वेतन आयोग को इस वर्ष के अंत तक गठित कर देते है तो आने वाले 2 वर्षों में ही इसको मान्य भी करना पड़ेगा। इस तरह से साल 2026 तक इसके लागू होने की भी स्थिति तय रहेगी। सब कुछ ऐसे ही हुआ तो केंद्र के कर्मचारियों को अभी तक एक सर्वाधिक बड़ी वेतन वृद्धि प्राप्त हो जायेगी। खबर है कि सातवें वेतन आयोग की तुलना में आठवें वेतन आयोग में काफी सारे चेंजेज देखने को मिल सकेंगे। इसी प्रकार से 10 वर्षों में एक मर्तबा वेतन आयोग के गठित होने के निर्णय में बदलाव हो सकता है।
8वा वेतन आयोग आएगा या नहीं?
अब अहम बात है कि 8वा वेतन आयोग आ पाएगा अथवा नहीं? इस सवाल का आधार है कि बीते संसद के सत्र में ही सरकार ने कहा था कि इस परिस्थितियों में इस तरह का प्रपोजल नहीं है। इस मामले में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी भी लोकसभा में मना कर चुके है किंतु खबर तो आयोग के टाइम से गठित होने की है। इसी बीच सरकार के हाथ में सैलरी बढ़ाने के नए पैमाने पर सोचने का समय है। जानकारों की राय में इन फॉर्मूलो पर विचार का साल 2024 में उपर्युक्त समय रहेगा।
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क्या हर साल वेतन बदलेगा?
सातवे वेतन आयोग के गठित होने पर केंद्र के कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में सर्वाधिक कम वृद्धि हुई है। इसकी वजह है की वेतन को फिटमेंट फैक्टर के अनुसार बढ़ाते है और इसको 2.57 गुना रखा है। अब इसी सूत्र को लागू करें तो 8वे वेतन में फिटमेट फैक्टर की मैक्सिमम रेंज के अनुसार कम से कम वेतन 26,000 रुपए तक पहुंचेगा। फिर नीचे के लेवल के कर्मचारियों के वेतन का संशोधन प्रत्येक वर्ष उनके प्रदर्शन के आधार हो सकता है। किंतु ज्यादा वेतन वाले कर्मचारी के वेतन का संशोधन 3 वर्षों के टाइमपीरियड पर रखने की आशंका है।